-मेडिकल कॉलेज में खुली पड़ी हैं पानी की टंकिया

-खुले पानी में डेंगू का डर बताकर खौफ दिखाता है विभाग

Meerut जानलेवा बुखार को लेकर स्वास्थ विभाग जहां पब्लिक को तमाम तरह के एहतियात बरने की सलाह दे रहा है, वहीं, विभाग खुद लोगों को खतरनाक बीमारियां बांट रहा है। मेडिकल हॉस्पिटल की छतों पर रखी बिना ढ़क्कन की टंकियों में न केवल बंदर और पक्षी गंदगी फैला रहे हैं, बल्कि खुले पानी में चिकनगुनिया और डेंगू जैसे मच्छर खूब ब्रीडिंग कर रहे हैं। यही नहीं इन सब बातों से अंजान मरीज और तीमारदार यही दूषित पानी पीने को मजबूर हो रहे हैं।

स्वास्थ विभाग की सलाह

दरअसल, डेंगू और चिकनगुनिया जैसे खतरनाक बुखार को लेकर स्वास्थ विभाग तमाम तरह की ड्राइव से लेकर जन जागरुक अभियान चलाने का दावा कर रहा है। ऐसे में विभागीय अधिकारी और सीनियर डॉक्टर्स साफ सफाई रखने की सलाह दे रहे हैं, जबकि खुले पानी को डेंगू मच्छर की मांद बताया जा रहा है। इस लिए पब्लिक से लोगों की अपील खुले पानी का इस्तेमाल न करने की अपील की गई है।

टंकियों के खुले पड़े ढ़क्कन

सच्चाई स्वास्थ विभाग के दावों के बिल्कुल उलट है। चौंकाने वाली बात तो यह है कि खुद विभाग ही अपने दावों की धज्जियां उड़ा रहा है। आलम यह है कि साफ सफाई तो दूर मेडिकल कॉलेज की छतों पर रखी टंकियों के ढ़क्कन तक गायब हैं। ये वो टंकियां हैं जिनका पानी मरीजों से लेकर तीमारदार तक आंख बंद करके पी जाती है। टंकियों के पानी में बंदर और पक्षी गंदगी तो फैलाते हैं, पानी का खुलापन होने के कारण इसमें डेंगू व चिकनगुनिया जैसी बीमारी पैदा करने करने वाले मच्छरों की ब्रीडिंग का भी खतरा बना हुआ है।

कहीं बीमारी तो नहीं पी रहे मरीज

मेडिकल के जिस खुले और दूषित पानी को इस्तेमाल मरीजों व तीमारदारों द्वारा धडल्ले से किया जा रहा है। यदि उस पानी में डेंगू के मच्छर ने ब्रीडिंग कर दी है, तो यह लोगों के स्वास्थ से खुला खिलवाड़ है। मानों यदि ऐसा है तो जो मरीज हॉस्पिटल में अपना इलाज कराने आ रहे हैं, वो अस्पताल में आकर खुद बीमारियों का शिकार हो रहे हैं। जबकि मेडिकल प्रशासन को इसकी न तो कोई सुध है और न कोई ध्यान।

पीने के पानी की टंकियां यदि खुली हुई हैं तो यह गंभीर मामला है। मैं इसकी तुरंत जांच कराता हूं। मरीजों के स्वास्थ के साथ कोई समझौता नहीं किया जा सकता।

-विभु साहनी, सीएमएस मेडिकल कॉलेज