बीते सालों में हुए सबसे घातक हमलों में से एक

लीबिया से आरही मीडिया रिर्पोटस की माने तो पश्चिमी लीबिया में स्थित जिल्टेन शहर के पुलिस प्रशिक्षण केंद्र पर गुरुवार को एक ट्रक बम हमले में तकरीबन 60  लोगों की मौत हो गई। जबकि दर्जनों और लोग घायल हो गए हैं। फिलहाल किसी भी आतंकी समूह ने इस हमले की जिम्मेदारी नहीं ली है। कहा जा रहा है कि साल 2011 में मुअम्मर गद्दाफी की सत्ता के पतन के बाद और देश में इस्लामी चरमपंथियों की मौजूदगी बढ़ने के बाद ये अब तक का सबसे घातक हमला है।

60 मरे, कुछ घायलों की हालत गंभीर

जिल्टेन के मेयर मिफ्ताह हमादी ने बताया है कि ट्रक बम उस समय फटा जब पुलिस प्रशिक्षण केंद्र में ट्रेनी इकट्ठे हो रहे थे। जिल्टेन राजधानी त्रिपोली और मिसराता बंदरगाह के बीच का एक समुद्र किनारे बसा शहर है। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार स्थानीय लोगों ने घायलों को मिसराता के अस्पतालों में पहुंचाया। कई घायलों की स्थिति गंभीर बताई जा रही है। अस्पताल के सूत्रों के अनुसार कम से कम 60 लोगों की मौत हुई हैं जिनमें कुछ स्थानीय नागरिक भी शामिल हैं।

तेल संसाधनों पर कब्जे की है लड़ाई

लीबिया में गद्दाफी के खिलाफ नाटो समर्थित विद्रोह के बाद से ही अराजकता लगातार बढ़ती गई है। देश में अगस्त 2014 से ही दो प्रतिद्वंद्वी सरकारें हैं और कई हथियारबंद गुट हैं जिनमें टकराव जारी है। सभी गुट तेल समृद्ध देश के संसाधनों पर कब्जा जमाने के लिए संघर्ष कर रहे हैं। संयुक्त राष्ट्र दोनों पक्षों पर सत्ता साझेदारी समझौते को स्वीकार करने के लिए दबाव बना रहा है जिस पर दोनों पक्ष बीते साल दिसंबर में सहमत हुए थे।

आईएसआईएस की पकड़ मजबूत हो रही है

इस बीच इस्लामिक स्टेट ने यहां अपनी पकड़ मजबूत कर ली है। उसके लड़ाकों ने सिरते शहर पर कब्जा कर लिया है और तेल क्षेत्रों पर लगातार हमले कर रहे हैं। आईएस लड़ाकों ने साल के पहले हफ्ते में दो अहम तेल निर्यात टर्मिनलों पर हमले किए। फरवरी 2015 में लीबिया के पूर्वी इलाके के कुबाह शहर में तीन कार बम धमाके हुए थे जिसमें 40 लोग मारे गए थे। आईएस ने इस हमले को इस्लामी चरमपंथियों के खिलाफ मिस्र के हवाई हमलों का बदला करार दिया था।

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