सिओल (रॉयटर्स)। कोरियाई युद्ध के दौरान मारे गए अमेरिकी सैनिकों के अवशेष गुरुवार को उत्तर कोरिया से अमेरिका पहुंच गए। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इसके के लिए उत्तर कोरियाई तानाशाह किम जोंग उन का शुक्रिया अदा करते हुए जल्द ही फिर से मिलने की उम्मीद जताई है। ट्रंप ने ट्वीट किया, 'अपना वादा पूरा करते हुए हमारे महान सैनिकों के अवशेष को लौटाने के लिए धन्यवाद किम जोंग उन। उम्मीद है हम फिर से जल्द मिलेंगे।' बता दें कि सिंगापुर में 12 जून को अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और उत्तर कोरियाई किम जोंग उन के बीच हुई ऐतिहासिक वार्ता के दौरान सैनिकों के अवशेष लौटाए जाने पर सहमति बनी थी।

50 बक्सों में रखे थे अवशेष
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, सैनिकों के अवशेष करीब 50 बक्सों में रखे थे और ये दक्षिण कोरिया से सीधे एक विमान में अमेरिका के हवाई प्रांत स्थित नौसैनिक अड्डे पर्ल हार्बर पर पहुंचे। अवशेष लौटाए जाने के मौके पर एक कार्यक्रम भी आयोजित किया गया था, इसमें कोरियाई युद्ध में मारे गए अमेरिकी सैनिकों को याद किया गया। इस कार्यक्रम में उप राष्ट्रपति माइक पेंस और उनके पिता भी मौजूद थे। उस दौरान पेंस ने कहा, 'डीएनए के जरिये अवशेषों की पहचान कर उन्हें सैनिकों के परिजनों को लौटाया जाएगा। उत्तर कोरिया के साथ मिलकर अमेरिका अन्य लापता या मारे गए अमेरिकी सैनिकों की तलाश करेगा।'

1950 से 1953 तक चला था युद्ध
बता दें कि कोरियाई युद्ध 1950 से 1953 तक चला था। इस युद्ध में चीन ने उत्तर कोरिया की सहायत की थी। दक्षिण कोरिया ने अमेरिकी सैन्य दल के साथ युद्ध में हिस्सा लिया था। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, अमेरिका के तीन लाख 26 हजार सैनिक इस युद्ध में शामिल हुए थे। इनमें से करीब 5300 की उत्तर कोरिया में मौत हो गई थी। हजारों सैनिकों का आज तक कुछ पता नहीं चला था।

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