ऐसी है जानकारी
फिलहाल दर्शन करने के लिए वह पुणे से मंदिर के लिए निकल चुकी हैं। मंदिर के लिए निकलने से पहले उन्होंने कहा कि आज उनको कोई नहीं रोकेगा। कोर्ट ने इस बात के आदेश पहले ही दे दिए हैं। उन्होंने इसे महिलाओं की जीत बताया है। इसके इतर उन्होंने ये भी कहा कि आज अगर कोई उनको रोकेगा तो उसके खिलाफ केस दर्ज कराया जाएगा।

हाईकोर्ट ने महाराष्ट्र सरकार से कहा
बताते चलें कि शुक्रवार को ही बंबई हाईकोर्ट ने महाराष्ट्र सरकार से धार्मिक स्थलों में प्रवेश को लेकर महिलाओं के साथ होने वाले भेदभाव को रोकने के लिए कानून के अनुपालन को सुनिश्चित करने के लिए कहा। इस क्रम में उन्होंने अहतियातन कदम उठाने के निर्देश दिए हैं। कोर्ट ने निर्देश दिए हैं कि यह महिलाओं का मौलिक अधिकार है और सरकार को इसकी रक्षा आगे बढ़कर करनी ही चाहिए।            

ऐसा है पूरा मामला
गौरतलब है कि राज्य के अहमद नगर जिले के शनि शिंगणापुर मंदिर के गर्भगृह में महिलाओं के प्रवेश पर रोक थी। इस रोक को ही चुनौती देने वाली एक जनहित याचिका का कोर्ट ने निपटारा किया है। इस क्रम में कोर्ट ने कहा है कि वह सिर्फ सरकार के लिए सामान्य निर्देश पारित कर सकती है। व्यक्ितगत या खास मामलों में नहीं की जा सकती। इस बारे में महाराष्ट्र सरकार ने हाईकोर्ट को आश्वस्त किया है कि वह पूरी तरह से लैंगिक भेदभाव के खिलाफ है। इसको लेकर बताया गया है कि महाराष्ट्र हिंदू पूजा स्थल (प्रवेश प्राधिकार) कानून के प्रावधानों को सख्ती के साथ लागू करेगी।

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