भरोसे का साथी तो चाहिए ही

दोस्ती हो, प्यार हो या फिर शादी। इन तीनों में ही ट्रस्ट सबसे अहम रोल अदा करता है। बिना ट्रस्ट के आपका किसी से भी कोई अटैचमेंट नहीं हो सकता है। रिसर्च कर रही अंजली कहती हैं कि जिंदगी में हर कोई एक ऐसे साथी की तलाश करता है जिससे अपने दिल की हर बात शेयर कर सके। मसलन, अगर किसी लड़के से आप दोस्ती करते हैं और वह आपके ट्रस्ट पर खरा उतरता है तो उससे इमोशनल अटैचमेंट हो जाता है। यह अटैचमेंट अफेयर को जन्म देता है। जब अफेयर में भी यही ट्रस्ट होता है तो वह लाइफ टाइम की रिलेशनशिप की तरह बढ़ता है। वह कहती हैं कि ऐसा नहीं है कि किसी लड़के या लड़की की दोस्ती सीधे लव तक पहुंच जाए। अन्य कई गल्र्स से भी बातचीत में भी कुछ ऐसा ही निकलकर आया है. 

ये तो पब्लिक का फंडा है 

25 साल के बैंक प्रोफेशनल विक्रांत की राय जुदा है। वह कहते हैं कि अगर किसी गल्र्स व ब्वाय के बीच में हेल्दी फ्रेंडशिप भी है तो भी पब्लिक उसको लव एंगल के नजरिए से ही देखती है। जब बार-बार लोग यह कहने लगते हैं तो माइंड का डायवर्जन भी उसी तरफ हो जाता है। वह यह भी कहते हैं कि यूनिवर्सिटी में स्टडी के दौरान मेरे ज्यादातर दोस्त का अफेयर रहा है, लेकिन इस अफेयर की उम्र यूनिवर्सिटी के बाहर निकलते ही खत्म हो गई। वह कहते हैं कि यह डिपेंड करता है सामने वाले की सोच और आपके रिस्पांस पर। हालांकि वह यह भी कहते हैं कि गल्र्स और ब्वॉयज की दोस्ती कहीं न कहीं लव एंगल पर पहुंच ही जाती है। बाद में भले ही उसका कुछ भी हो. 

जानिए, सर्वे की फाइंडिंग

गल्र्स और ब्वायज के बीच की दोस्ती क्यों लव स्टोरी बन जाती है? इस सवाल पर हमने यंगस्टर्स से बात की। हर बात में नई चीज निकलकर आ रही थी। हमने तीन शब्द दिए, ट्रस्ट, अट्रैक्शन व लाइफ लांग सिक्योरिटी।  

-55 प्रतिशत ने माना की दोस्ती के दौरान रिलेशन ट्रस्ट पर बेस्ड होता है। दोनों खुले मन से एक-दूसरे से अपनी बातें शेयर करते हैं जो रिलेशन को हेल्दी बनाता है।

-35 प्रतिशत ने कहा कि आप सामने वाले के नेचर से परिचित हो जाते हैं जो आप के लाइफ लांग रिलेशन में कंवर्ट हो जाता है. 

-10 प्रतिशत ने कहा कि अट्रैक्शन हो जाता है। जिस कारण से यह दोस्ती अफेयर में तब्दील हो जाती है. 

 गल्र्स और ब्वायज की दोस्ती सिर्फ अफेयर में ही होती है ऐसा न पहले था न अब है। यह बात सही है कि हमारे यहां आज भी इनकी दोस्ती को अफेयर की नजर से ही देखा जाता है। यह हमारी सोशल प्रॉब्लम है। हमारे यहां तो सिर्फ टीनेज या यंग नहीं बल्कि सीनियर एज में भी किसी महिला या पुरुष की दोस्ती है तो लोग उस पर कमेंट करने लगते है। हां, कुछ दोस्ती जरूर अफेयर बनती है। उसके डिफरेंट रीजन होते है. 

हेमलता श्रीवास्तव

सोशियोलॉजिस्ट

-जरूरी नहीं सभी फ्रेडिंशिप लव अफेयर में तब्दील हो जाए। हम सभी फ्रेन्डस को फ्रेन्डशिप की बाउंड्री में रखना जानते हैं. 

मिशिका जायसवाल, 

स्टूडेंट, बीटेक थर्ड इयर

-यह बहुत हद तक दोनों के मेंटल स्टेटस पर डिपेंड करता है। फ्रेन्ड्स तो फ्रेन्ड ही होते हैं। यह कहना ठीक नहीं है कि दोस्ती अक्सर अफेयर में तब्दील हो जाती है. 

मो। हसन, 

बीटेक आईटी, थर्ड इयर

-मेरे हिसाब से फ्रेन्ड सिर्फ फ्रेन्ड ही होते है, चाहे वो जो भी हो। हां कुछ लोग इसे दूसरे मेंटेलिटी से देखते हैं। यह उनकी प्रॉब्लम है। हमें इससे कोई फर्क नहीं पड़ता है. 

शिवांगी मिश्रा, 

बीटेक फोर्थ इयर

-यह दोनों पर डिपेंड करता है कि वह कैसा रिलेशन चाहते हैं। लंबी दोस्ती के बाद सामने वाले के बारे में आपको पता चल जाता है। ऐसे में कई बार इस तरह के टर्न आ जाते है। वैसे यह सबके साथ हो, ऐसा नहीं है। हां, चांस ज्यादा रहते है. 

शिशिर श्रीवास्तव, 

बीटेक फोर्थ इयर

-गल्र्स और ब्वाय के बीच फ्रेंडशिप बाद में लव अफेयर में तब्दील हो जाती है। यह उन दोनों पर डिपेंड करता है। यह बात तो सही है कि चांस ज्यादा रहते हैं। इस इश्यू पर एज भी मैटर करती है कि वह दोनों किस एज के हैं। बट आई थिंक फ्रेन्डशिप इज द बेस्ट।

 मयंक गुप्ता, 

बीटेक फोर्थ इयर

-यह बहुत हद तक परसन पर भी डिपेंड करता है। क्योकि, सारे फ्रेन्ड्स से तो अफेयर नहीं करते हैं। दोस्ती बहुत हेल्थी शब्द है। यह बात अलग है कि लोग इसके बारे में अलग-अलग सोचते हैं. 

शेफाली शुक्ला

-यह हमारे जैसे छोटी सिटी में ज्यादा होता है। ब्वायज और गल्र्स के बीच फ्रेन्डशिप लव रिलेशन में बदल जाती है। मेट्रो सिटी में इस बात का पता ही नहीं चलता है। हम ज्यादा सोचते है, इसलिए ऐसा लगता है. 

वैशाली


Trust play an important role in friendship


 Allahabad : प्यार दोस्ती है। अगर वो मेरी सबसे अच्छी दोस्त नहीं बन सकती तो मैं उससे कभी प्यार कर ही नहीं सकता, क्योंकि दोस्ती बिना तो प्यार होता ही नहीं है। ब्लॉकलस्टर मूवी कुछ कुछ होता है का यह फेमस डायलॉग कितना सही है? यह डिबेट का सब्जेक्ट है। फिलहाल, यह बात तय है कि गल्र्स और ब्वायज की दोस्ती को आज भी लव एंगल से ही पब्लिक देखती है। इसके पीछे भी कारण है कि ज्यादातर गल्र्स और ब्वायज की दोस्ती लव अफेयर में कंवर्ट हो जाती है। ऐसे में आई नेक्स्ट ने यंगस्टर्स से बात करके जाना कि प्यार के चक्कर में वे सबसे प्यारे फ्रेंड को क्यों खो देते हैं? 
भरोसे का साथी तो चाहिए ही
दोस्ती हो, प्यार हो या फिर शादी। इन तीनों में ही ट्रस्ट सबसे अहम रोल अदा करता है। बिना ट्रस्ट के आपका किसी से भी कोई अटैचमेंट नहीं हो सकता है। रिसर्च कर रही अंजली कहती हैं कि जिंदगी में हर कोई एक ऐसे साथी की तलाश करता है जिससे अपने दिल की हर बात शेयर कर सके। मसलन, अगर किसी लड़के से आप दोस्ती करते हैं और वह आपके ट्रस्ट पर खरा उतरता है तो उससे इमोशनल अटैचमेंट हो जाता है। यह अटैचमेंट अफेयर को जन्म देता है। जब अफेयर में भी यही ट्रस्ट होता है तो वह लाइफ टाइम की रिलेशनशिप की तरह बढ़ता है। वह कहती हैं कि ऐसा नहीं है कि किसी लड़के या लड़की की दोस्ती सीधे लव तक पहुंच जाए। अन्य कई गल्र्स से भी बातचीत में भी कुछ ऐसा ही निकलकर आया है. 


ये तो पब्लिक का फंडा है 
25 साल के बैंक प्रोफेशनल विक्रांत की राय जुदा है। वह कहते हैं कि अगर किसी गल्र्स व ब्वाय के बीच में हेल्दी फ्रेंडशिप भी है तो भी पब्लिक उसको लव एंगल के नजरिए से ही देखती है। जब बार-बार लोग यह कहने लगते हैं तो माइंड का डायवर्जन भी उसी तरफ हो जाता है। वह यह भी कहते हैं कि यूनिवर्सिटी में स्टडी के दौरान मेरे ज्यादातर दोस्त का अफेयर रहा है, लेकिन इस अफेयर की उम्र यूनिवर्सिटी के बाहर निकलते ही खत्म हो गई। वह कहते हैं कि यह डिपेंड करता है सामने वाले की सोच और आपके रिस्पांस पर। हालांकि वह यह भी कहते हैं कि गल्र्स और ब्वॉयज की दोस्ती कहीं न कहीं लव एंगल पर पहुंच ही जाती है। बाद में भले ही उसका कुछ भी हो. 


जानिए, सर्वे की फाइंडिंग
गल्र्स और ब्वायज के बीच की दोस्ती क्यों लव स्टोरी बन जाती है? इस सवाल पर हमने यंगस्टर्स से बात की। हर बात में नई चीज निकलकर आ रही थी। हमने तीन शब्द दिए, ट्रस्ट, अट्रैक्शन व लाइफ लांग सिक्योरिटी।  
-55 प्रतिशत ने माना की दोस्ती के दौरान रिलेशन ट्रस्ट पर बेस्ड होता है। दोनों खुले मन से एक-दूसरे से अपनी बातें शेयर करते हैं जो रिलेशन को हेल्दी बनाता है.
-35 प्रतिशत ने कहा कि आप सामने वाले के नेचर से परिचित हो जाते हैं जो आप के लाइफ लांग रिलेशन में कंवर्ट हो जाता है. 
-10 प्रतिशत ने कहा कि अट्रैक्शन हो जाता है। जिस कारण से यह दोस्ती अफेयर में तब्दील हो जाती है. 

एक्सपर्ट कमेंट----
 गल्र्स और ब्वायज की दोस्ती सिर्फ अफेयर में ही होती है ऐसा न पहले था न अब है। यह बात सही है कि हमारे यहां आज भी इनकी दोस्ती को अफेयर की नजर से ही देखा जाता है। यह हमारी सोशल प्रॉब्लम है। हमारे यहां तो सिर्फ टीनेज या यंग नहीं बल्कि सीनियर एज में भी किसी महिला या पुरुष की दोस्ती है तो लोग उस पर कमेंट करने लगते है। हां, कुछ दोस्ती जरूर अफेयर बनती है। उसके डिफरेंट रीजन होते है. 
हेमलता श्रीवास्तव
सोशियोलॉजिस्ट


-जरूरी नहीं सभी फ्रेडिंशिप लव अफेयर में तब्दील हो जाए। हम सभी फ्रेन्डस को फ्रेन्डशिप की बाउंड्री में रखना जानते हैं. 
मिशिका जायसवाल, 
स्टूडेंट, बीटेक थर्ड इयर

-यह बहुत हद तक दोनों के मेंटल स्टेटस पर डिपेंड करता है। फ्रेन्ड्स तो फ्रेन्ड ही होते हैं। यह कहना ठीक नहीं है कि दोस्ती अक्सर अफेयर में तब्दील हो जाती है. 
मो। हसन, 
बीटेक आईटी, थर्ड इयर

-मेरे हिसाब से फ्रेन्ड सिर्फ फ्रेन्ड ही होते है, चाहे वो जो भी हो। हां कुछ लोग इसे दूसरे मेंटेलिटी से देखते हैं। यह उनकी प्रॉब्लम है। हमें इससे कोई फर्क नहीं पड़ता है. 
शिवांगी मिश्रा, 
बीटेक फोर्थ इयर

-यह दोनों पर डिपेंड करता है कि वह कैसा रिलेशन चाहते हैं। लंबी दोस्ती के बाद सामने वाले के बारे में आपको पता चल जाता है। ऐसे में कई बार इस तरह के टर्न आ जाते है। वैसे यह सबके साथ हो, ऐसा नहीं है। हां, चांस ज्यादा रहते है. 
शिशिर श्रीवास्तव, 
बीटेक फोर्थ इयर

-गल्र्स और ब्वाय के बीच फ्रेंडशिप बाद में लव अफेयर में तब्दील हो जाती है। यह उन दोनों पर डिपेंड करता है। यह बात तो सही है कि चांस ज्यादा रहते हैं। इस इश्यू पर एज भी मैटर करती है कि वह दोनों किस एज के हैं। बट आई थिंक फ्रेन्डशिप इज द बेस्ट.
 मयंक गुप्ता, 
बीटेक फोर्थ इयर

-यह बहुत हद तक परसन पर भी डिपेंड करता है। क्योकि, सारे फ्रेन्ड्स से तो अफेयर नहीं करते हैं। दोस्ती बहुत हेल्थी शब्द है। यह बात अलग है कि लोग इसके बारे में अलग-अलग सोचते हैं. 
शेफाली शुक्ला

-यह हमारे जैसे छोटी सिटी में ज्यादा होता है। ब्वायज और गल्र्स के बीच फ्रेन्डशिप लव रिलेशन में बदल जाती है। मेट्रो सिटी में इस बात का पता ही नहीं चलता है। हम ज्यादा सोचते है, इसलिए ऐसा लगता है. 
वैशाली