इमरजेंसी सेवाएं असल में खुद आईसीयू में है। पढि़ए इस रिपोर्ट और जानिए कि क्या हुआ एक बाइक सवार का, जिसका बच्चा पार्क पर एक्सीडेंट हो गया? उसे रिस्पांस मिला या नहीं? लिसाड़ीगेट में अस्थमा के अटैक से तड़प रहे मरीज के लिए सरकारी एंबुलेंस आई या नहीं? और फोन करने पर पिज्जा कितनी देर में पहुंचा

यहां कोई सुनने वाला नहीं है

MEERUT : आप जानते हैं कि 100 नंबर पुलिस कंट्रोल की चाबी है। जगह या वक्त कोई हो, अगर पुलिस की मदद चाहिए तो 100 नंबर डायल करें। ये पाठ स्कूलों में भी पढ़ाया जाता है। इसकी रियलिटी जानने के लिए हम पहुंचे बच्चा पार्क। आप तो जानते ही हैं कि यहां रोजाना किसी न किसी मोड़ पर हादसा होता है। आज भी हुआ। बच्चा पार्क पर एक्सीडेंट हो गया। एक बाइक सवार को कार वाला पीछे से टक्कर मारकर भाग निकला था। घायल चिल्ला रहा था, पब्लिक मदद को पहुंची। एक बज रहा था। हमने तत्काल सौ नंबर डायल किया। अब आगे

 

रिपोर्टर - हैलो

सौ नंबर - कंट्रोल रूम। कौन बोल रहे हैं।

रिपोर्टर - भाई साहब। मैं बच्चा पार्क से बोल रहा हूं, यहां एक कार बाइक को टक्कर मारकर भाग गई।

सौ नंबर - कार का क्या नंबर है।

रिपोर्टर - भाई साहब कार का नंबर तो देखा नहीं, बाइक का नंबर है।

सौ नंबर - अच्छा, अभी दिखवाते हैं।

(करीब पंद्रह मिनट बाद) 1:15 बजे

रिपोर्टर - हैलो।

सौ नंबर - कंट्रोल रूम से।

रिपोर्टर - भाई साहब बच्चा पार्क पर एक्सीडेंट हुआ था, अभी तक कोई पुलिस वाला नहीं आया।

सौ नंबर - पहले आप ने ही फोन किया था।

रिपोर्टर - हां जी। मैैंने ही किया था।

सौ नंबर - अभी फैंटम भिजवाते हैं।

जब फैंटम नहीं आई तो 45 मिनट बाद हम सीधे कंट्रोल रूम पहुंचे। जहां हमने देखा कि कंट्रोल रूम में दो महिला पुलिसकर्मी और दो पुलिस वाले बैठे थे। जिसे हमने फोन किया था वो पुलिस कर्मी भी बैठा था। दूसरे केबिन में एक व्यक्ति जो कंट्रोल रूम की सूचना पुलिस तक भिजवाता है, बैठा हुआ था. 

रिपोर्टर - भाई साहब यहां फोन कौन सुनता है?

पुलिस कर्मी - हां मैं सुनता हूं।

रिपोर्टर - आपके पास बच्चा पार्क से एक्सीडेंट का फोन आया था।

सौ नंबर कर्मी - हां आया था।

रिपोर्टर - वहां कोई फैंटम या पुलिस वाले नहीं पहुंचे।

सौ नंबर कर्मी - एक बार फोन आया था, वो कट गया।

रिपोर्टर - भाई साहब। वहां से दो बार फोन किया गया था। एक बार एक्सीडेंट की घटना बताई गई थी और दूसरी बार फैंटम को कहा था।

सौ नंबर कर्मी - मैने आगे बता दिया था।

(तभी कंट्रोल रूम इंचार्ज की एंट्री होती है)

इंचार्ज - क्या हो गया था।

रिपोर्टर - बच्चा पार्क पर एक्सीडेंट हो गया था। वहां से दो बार फोन किया गया, लेकिन आधे घंटे तक भी पुलिस वाले नहीं पहुंचे।

इंचार्ज पुलिस वाले से - तुमने आगे नहीं बताया था क्या।

पुलिस कर्मी - सर, बताया था लेकिन इनका फोन कट गया था।

इंचार्ज - यह बात आगे क्यों नहीं बताई।

केबिन के दूसरी तरफ बैठे पुलिस कर्मी से इंचार्ज ने पूछा।

इंचार्ज - हां भई तुम्हें इन्होंने आगे बताया था।

वायरलेस सेट कर्मी - नहीं मुझे नहीं बताया गया। अभी फैंटम को देखता हूं। शायद वहां फैंटम वन जाती है।

(इसके बाद सेट पर सूचना दी गई। लेकिन तब तक घटना की शिकार बाइक मालिक जा चुका था और कुछ पता नहीं लगा)

वायरलेस सेट कर्मी - हैलो, फैंटम वन। कंट्रोल रूम से। लोकेशन क्या है।

फैंटम वन - बुढ़ाना गेट पर ट्रेफिक में लगे हैं।

वायरलेस सेट कर्मी - आपको बच्चा पार्क पर एक्सीडेंट की सूचना नहीं  मिली?

फैंटम वन - नहीं।

वायरलेस सेट कर्मी - बच्चा पार्क पर एक्सीडेंट दिखवाइए।

फैंटम वन - अभी दिखवाते हैं।

हमने कंट्रोल रूम में क्या देखा

(कंट्रोल रूम का सीन - वहां लगे सीसीटीवी बंद पड़े थे। हमारे पहुंचने पर इंचार्ज ने आकर उनको ऑन किया। लेकिन टीवी पर कुछ नजर नहीं आ रहा था। इंचार्ज ने बताया कि लाइट गई हुई है। कैमरे सिटी हलचल वाली लाइन से जुड़े हैं। जैसे ही लाइट आएगी कैमरे भी चल जाएंगे.)

जब जाम की सूचना दी

आबू लेन पर जाम लगा था। गाडिय़ां इधर उधर गलत तरीके से लगी थीं। जाम से लोग परेशान थे। करीब तीन बजे सूचना कंट्रोल रूम को दी गई।

रिपोर्टर - हैलो।

सौ नंबर - कंट्रोल रूम।

रिपोर्टर - भाई साहब, यहां आबूलेन पर जाम लगा हुआ है। किसी को भिजवा दीजिए। जाम खुलवा दीजिए।

सौ नंबर - अभी भिजवाता हूं।

(करीब बीस मिनट तक वहां कोई पुलिस वाला नहीं आया.)

दुबारा फोन किया गया।

रिपोर्टर - भाई साहब यहां आबू लेन पर लोगों ने गाडिय़ां गलत तरीके से खड़ी कर रखी हैं। जाम लगा है। पुलिस को भिजवा दीजिए।

सौ नंबर - आप कौन बोल रहे हैं।

रिपोर्टर - आबूलेन से बोल रहा हूं।

सौ नंबर - अभी पुलिस को भिजवाते हैं।

(चार बजे तक कोई रिस्पांस नहीं मिला.)

To be continued 101 DERAIL