RANCHI: हजारीबाग सीमा के केरेडारी थाना क्षेत्र के हेंदेगीर के निकट सात उग्रवादियों की हत्या को लेकर तृतीय सम्मेलन प्रस्तुति कमेटी (टीएसपीसी) ने कई खुलासे किए हैं। संगठन के प्रवक्ता विक्रांत ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर इस कांड में भाकपा माओवादी और गुंडा गिरोहों का हाथ बताया है। छोटानागपुर जोन के प्रवक्ता विक्रांत ने सात की हत्या का भी खुलासा किया है। उन्होंने बताया कि ख्0 मई की रात इस कांड में सागर, मनीष, जोनसन, डोमन, डब्लू व सीटन की हत्या कर दी गयी थी। इसके बाद जंगल में छिपाकर रखे गए चार पहिया एवं दो पहिया वाहनों से हत्यारे भाग निकले। संगठन के ख्ब् हथियार व म्0 लाख कैश भी लेकर फरार हो गए। विज्ञप्ति में इस बात का भी खंडन किया गया है कि टीएसपीसी के कुछ सदस्य सरेंडर करने वाले थे।

अनिल व मुनेश्वर तैनात थे ड्यूटी पर

बताया गया कि ख्0 मई को घटना के समय अनिल व मुनेश्वर संतरी की ड्यूटी पर थे। संगठन के लगभग ब्0 सदस्य खाना खाने के बाद सो रहे थे। इसी का लाभ उठाते हुए इन दोनों ने पहले सभी साथियों के हाथियार गायब किए और फिर सभी को मार डाला। गोलीकांड में संगठन के चार सदस्य गंभीर रूप से घायल भी हुए हैं, जिनका संगठन इलाज करवा रहा है। संगठन ने पूरी घटना में माओवादी सोहन गंझू को जिम्मेवार ठहराया है।

मुनेश्वर ने शादी का झांसा देकर युवती को किया प्रेग्नेंट

संगठन के मुनेश्वर उरांव का प्रेम संबंध बीजूपाड़ी की एक युवती से चल रहा था। शादी का झांसा देकर उसने युवती को गर्भवती बना दिया था। इसके बाद लड़की का गर्भपात कराते हुए शादी से इन्कार कर दिया। परिजनों ने न्याय के लिए सागरजी व मनीषजी से मिलकर गुहार लगाई थी। मामले को लेकर उन दोनों कमांडरों ने मुनेश्वर को कड़ी फटकार लगाते हुए शादी का दबाव बनाया था। इसी बात को लेकर मुनेश्वर नाराज चल रहा था और संगठन से छुट्टी ले रखी थी।

साजिश के तहत अनिल-मुनेश्वर दोबारा संगठन में आए

इसी बीच अनिल भुइयां व मुनेश्वर जेपीसी में शामिल हो गए। पिछले साल 8 नवंबर को संगठन ने जेपीसी के सात सदस्यों का पकड़ा था और चेतावनी देकर उन्हें छोड़ा गया था। इनमें मुनेश्वर व अनिल भी शामिल थे। इसके बाद वे माओवादी सोहन भुईयां के संपर्क में आए। सोची समझी साजिश के तहत क्8 मई को मुनेश्वर टीपीसी में फिर से शामिल हुआ, जबकि क्9 मई को अपने नए सात साथियों के साथ अनिल भुईयां पार्टी में शामिल हुआ।