नहीं की मदद तो गैर इरादतन हत्या का दर्ज हो सकता है केस

VARANASI : अब ट्रेन जर्नी के दौरान पैसेंजर का स्वास्थ्य खराब होने पर अगर वह टीटीई से मदद मांगता है तो टीटीई इंकार नहीं कर सकेगा। क्योंकि इंकार करने की दशा में यदि यात्री की मौत हुई तो टीटीई केखिलाफ गैर इरादतन हत्या का केस दर्ज होगा। बता दें कि इंडियन रेलवे में वाणिज्य विभाग में काम करने वाले टिकट निरीक्षकों के लिए सर्विस के नियम में बड़ा चेंजेज हुआ है। इससे पैसेंजर्स को काफी फायदा होगा।

 

लापरवाही पड़ेगी भारी

 

नए नियम के अनुसार अब अगर ट्रेन में यात्रा के दौरान किसी पैसेंजर की तबीयत खराब होती है तो उस बोगी में ड्यूटी पर तैनात टीटीई के लिए उसकी मदद करना अनिवार्य कर दिया गया है। ऐसा न करने पर अगर यात्री की मौत होती है और बाद में इसकी कम्प्लेन होती है तो संबंधित टीटीई पर गैर इरादतन हत्या का मामला दर्ज किया जाएगा।

 

सेवा शर्त में हुआ अनिवार्य

 

ट्रेन जर्नी के दौरान स्वास्थ्य खराब होने पर यात्री ट्वीट करता है तो उसे अगले स्टेशन पर शुल्क देने पर रेलवे के चिकित्सक सेवा उपलब्ध कराते हैं। इसमें मरीज को दवा आदि दी जाती है। इस दौरान अगर यात्री सोशल मीडिया पर नहीं है तो ट्रेन का टीटी या टीटीई रेलवे कंट्रोल रूम में सूचना देता है। पहले टीटीई की ओर से यह सूचना देना अनिवार्य नहीं होता था, लेकिन अब इसे सेवाशर्त में अनिवार्य कर दिया गया है।

 

इन्होंने जारी किए आदेश

 

पैसेंजर मार्केटिंग की निदेशक ने ये आदेश जारी किए हैं। आदेश में यह कहा गया है कि ड्यूटी के दौरान ट्रेन में यदि कोई यात्री बीमार होता है तो टीटी को अनिवार्य रूप से रेलवे कंट्रोल रूम में इसकी सूचना देनी होगी। इसके अलावा यात्री को स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध हो, इस बात की जवाबदेही भी होगी।

 

हेडक्वार्टर का ऑर्डर मानने के लिए सभी बाध्य होते हैं। ऑर्डर से रनिंग स्टाफ को अवगत कराने के लिए संबंधित डिपार्टमेंट को कॉपी भेज दी गई है।

- अशोक कुमार, पीआरओ, एनईआर, वाराणसी डिवीजन