श्री जनकपुरी महोत्सव समिति में जिनको भगवान राम और उनके बारातियों का स्वागत करने का भार मिला है वह खुद अपने सम्मान और स्वागत को परेशान हैं। कभी रूठ कर और कभी समिति से टूटकर धौंस जमा रहे हैं। ताजा-ताजा घटनाक्रम में ट्यूजडे को श्री जनकपुरी महोत्सव समिति के अध्यक्ष नवीन जैन ने कमेटी में सलाहकार समिति के सदस्य विष्णु पंडित, संजय चौहान, प्रवीण अग्रवाल, ललित कुलश्रेष्ठ के इस्तीफे स्वीकार कर लिए। यही नहीं, इस्तीफा देने वालों से दो कदम आगे निकलकर यह तक घोषणा कर दी है कि कार्यकर्ता इस्तीफा देने के लिए स्वतंत्र हैं। कमेटी में संरक्षक मंडल, सलाहकार समिति, पदाधिकारी -कार्यकारिणी के करीब दो सौ सदस्य हैं। सभी को न तो मंच मिल सकता है और नहीं अखबारों में उनके नाम छप सकते हैं। मंच पर बैठने के लिए कमेटी में शामिल हुए लोग कमेटी से अलग हो सकते हैं.

 नवीन जैन ने आगे से उन्हीं लोगों को जिम्मेदारी देने की बात कही है जो इस धार्मिक आयोजन का ईमानदारी से कार्य करना चाहते हैं। श्री जनकपुरी महोत्सव समिति अध्यक्ष के इस तेवर ने सभी को चौंका दिया है। नए घटनाक्रम और समिति की कार्यप्रणाली तो विवादों की आग को और हवा देती दिख रही है। इस सभी के बीच समारोह से कई साल से जुड़े लोग बस यही प्रार्थना कर रहे हैं विवादों का यह 'रावणÓ जितनी जल्दी को उतनी जल्दी मारा जाए ताकि सब कुछ मंगलमय हो जाए. 

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सब जनकपुरी पार्टी के झंडे के नीचे
श्री जनकपुरी महोत्सव समिति में इन दिनों आपसी द्वंद्व चरम पर है। आरोप-प्रत्यारोप का दौर चल रहा है। ऐसे में समिति के बड़े पदाधिकारी भी सवालों से घिर गए हैं। आई नेक्स्ट ने श्री जनकपुरी महोत्सव समिति के अध्यक्ष नवीन जैन से जब यह पूछा कि कैसे वह इस हालात में सफलता से आयोजन पूरा करा सकेंगे तो उनका कहना था कि कुछ लोग अपना नाम चमकाने के लिए कमेटी में शामिल हुए हैं। उनको हम अलग कर रहे हैं। कोई अधिक काम करता है कोई कम। जिसकी जो हैसियत है वह वैसा काम करे। रही बात विवादों की तो यह करीब ढाई सौ लोगों की कमेटी है सभी को तो संतुष्ट नहीं किया जा सकता है। जो लोग उल्लू सीधा करना चाह रहे हैं वही विवादों को हवा दे रहे हैं. 
 जनकपुरी पर एक ही पार्टी के लोगों का दबदबा होने के सवाल पर उन्होंने कहा कि इस आयोजन में सभी पार्टियों के लोग है। सभी की एक ही पार्टी है जनकपुरी पार्टी और सभी उसके झंडे के नीचे हैं. 

 

रूठना-मनाना 

 श्री जनकपुरी महोत्सव समिति में जिनको भगवान राम और उनके बारातियों का स्वागत करने का भार मिला है वह खुद अपने सम्मान और स्वागत को परेशान हैं। कभी रूठ कर और कभी समिति से टूटकर धौंस जमा रहे हैं। ताजा-ताजा घटनाक्रम में ट्यूजडे को श्री जनकपुरी महोत्सव समिति के अध्यक्ष नवीन जैन ने कमेटी में सलाहकार समिति के सदस्य विष्णु पंडित, संजय चौहान, प्रवीण अग्रवाल, ललित कुलश्रेष्ठ के इस्तीफे स्वीकार कर लिए। यही नहीं, इस्तीफा देने वालों से दो कदम आगे निकलकर यह तक घोषणा कर दी है कि कार्यकर्ता इस्तीफा देने के लिए स्वतंत्र हैं। कमेटी में संरक्षक मंडल, सलाहकार समिति, पदाधिकारी -कार्यकारिणी के करीब दो सौ सदस्य हैं। सभी को न तो मंच मिल सकता है और नहीं अखबारों में उनके नाम छप सकते हैं। मंच पर बैठने के लिए कमेटी में शामिल हुए लोग कमेटी से अलग हो सकते हैं।

चौंका दिया 

 नवीन जैन ने आगे से उन्हीं लोगों को जिम्मेदारी देने की बात कही है जो इस धार्मिक आयोजन का ईमानदारी से कार्य करना चाहते हैं। श्री जनकपुरी महोत्सव समिति अध्यक्ष के इस तेवर ने सभी को चौंका दिया है। नए घटनाक्रम और समिति की कार्यप्रणाली तो विवादों की आग को और हवा देती दिख रही है। इस सभी के बीच समारोह से कई साल से जुड़े लोग बस यही प्रार्थना कर रहे हैं विवादों का यह 'रावणÓ जितनी जल्दी को उतनी जल्दी मारा जाए ताकि सब कुछ मंगलमय हो जाए. 

सब जनकपुरी पार्टी के झंडे के नीचे

श्री जनकपुरी महोत्सव समिति में इन दिनों आपसी द्वंद्व चरम पर है। आरोप-प्रत्यारोप का दौर चल रहा है। ऐसे में समिति के बड़े पदाधिकारी भी सवालों से घिर गए हैं। आई नेक्स्ट ने श्री जनकपुरी महोत्सव समिति के अध्यक्ष नवीन जैन से जब यह पूछा कि कैसे वह इस हालात में सफलता से आयोजन पूरा करा सकेंगे तो उनका कहना था कि कुछ लोग अपना नाम चमकाने के लिए कमेटी में शामिल हुए हैं। उनको हम अलग कर रहे हैं। कोई अधिक काम करता है कोई कम। जिसकी जो हैसियत है वह वैसा काम करे। रही बात विवादों की तो यह करीब ढाई सौ लोगों की कमेटी है सभी को तो संतुष्ट नहीं किया जा सकता है। जो लोग उल्लू सीधा करना चाह रहे हैं वही विवादों को हवा दे रहे हैं। जनकपुरी पर एक ही पार्टी के लोगों का दबदबा होने के सवाल पर उन्होंने कहा कि इस आयोजन में सभी पार्टियों के लोग है। सभी की एक ही पार्टी है जनकपुरी पार्टी और सभी उसके झंडे के नीचे हैं.