फरार होने के लिए जेल में चालीस फिट लंबी सुरंग बना चुके है बंदी

तीन से ज्यादा बंदी हो चुके है फरार

Meerut : चौ.चरण सिंह कारागार पश्चिमी उत्तर प्रदेश की अति संवेदनशील जेलों में शुमार है। फिर भी यहां सबसे अधिक घटनाएं जेल ब्रेक की सामने आती हैं। दस बरसों में अब तक यहां से 30 से ज्यादा कैदी दीवार फांदकर फरार हो चुके हैं, जो अभी तक फरार हैं।

150 भाग निकलते

अक्टूबर 2007 में मेरठ जेल में बंदियों ने 40 फुट लंबी सुरंग भी बना ली थी। यह सुरंग बैरक 17-18 से जेल की चारदीवारी तक बनाई गई थी, जिसकी गहराई 10 फुट और चौड़ाई 5 फुट थी। रात में चौकीदार ने जमीन पर डंडा पटका, तो जमीन खोखली लगी, जिससे सुरंग का पता चला था। जांच में पता चला कि इस सुरंग से 150 बंदियों के फरार होने का प्लान था। यह भी सामने आया कि बाहर की जेल से ट्रांसफर होकर आ रहे एक बड़े अपराधी को भगाने के लिए यह सुरंग तैयार की गई थी।

ब्रेक करने में माहिर

मेरठ जेल की सुरक्षा व्यवस्था का हाल यह है कि यहां से बार-बार कैदी भाग निकलते रहे हैं। 2009 में मेरठ जेल से नौ बंदी फरार हुए थे, इनमें से कोई भी आज तक पकड़ा नहीं जा सका। जुलाई 2010 में 12 बंदी फरार हुए। इसके बाद 2012 में फिर आठ बंदी फरार हुए।

ऊंची दीवार बेअसर

बार-बार घटनाओं के बाद जेल की दीवार ऊंची कराई गई। इसके बावजूद पिछले साल संदीप नाम का बंदी जेल ब्रेक करके फरार हो गया। इससे पहले 2015 में चार बंदी खेत से फरार हुए थे।

टकराव भी हुआ

अप्रैल 2012 में तो यहां जेल अफसरों और बंदियों के बीच टकराव भी हुआ, जिसके चलते जेल में जमकर हंगामा हुआ था। बंदियों ने सुबह की गिनती के समय जेल के स्टाफ पर हमला बोल दिया था। करीब 3 घंटे तक जेल में तांडव मचा था।

सुसाइड तक हुए

इसी साल जनवरी में एक बंदी ने जेल के टॉयलेट में रस्सी से लटकर सुसाइड कर लिया, तो भी जेल की सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल उठे।

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कई इनामी हुए शिफ्ट

शासन ने मेरठ जेल से कई बड़े बदमाशों को पूर्वाचल की जेलों में शिफ्ट किया, जिससे जेल में गैंगवार न हो सके।

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जेल के स्टाफ की हत्या भी

बदमाशों ने जेल के डॉक्टर हरपाल सिंह और डिप्टी जेलर नरेंद्र द्विवेदी को भी मौत के घाट उतार दिया था। इस म मामले में 20 बंदियों को नामजद किया गया था। वे जेल में सजा काट रहे हैं।