- ईद से एक दिन पहले बाजार में टोपी की खरीद बढ़ी

- मोती, चिमकी, मखमली व पंचकली टोपी बनी खास

मेरठ। रमजान के बाद ईद-उल-फितर भाईचारे को बढ़ावा देता है। इस दिन सभी मिलकर खुदा से बरक्कत की दुआएं मांगते हैं, नमाज पढ़ते हैं। खुदा का अदब करने के लिए नमाजी टोपी का विशेष महत्व है। इसी वजह से इन दिनों बाजार में नमाजी टोपी काफी ट्रेंडिंग है।

विदेशी टोपी भारी

घंटाघर स्थित जीनत क्लाथ हाउस के संचालक शमशेर बताते हैं कि इस साल बाजार में देसी टोपियों पर विदेशी टोपियां भारी पड़ रही हैं। इंडोनेशिया, तुर्की टोपी खासी पसंद की जा रही है। इसके अलावा हैवी रेशम वर्क, जरवी, मोती, चिमकी, मखमली टोपियों की भी काफी डिमांड है। जबकि वैली बाजार, घंटाघर बाजार, भगत सिंह मार्केट में बरखादी, अलिफ, फारूक, आजम, अल-फदीला, सना, जन्नत, पाकीजा, जीनत, उमर, सुन्नत टोपियों भी काफी डिमांड में है। इसके अलावा समरदाना, मोती, तुर्की, स्टार, लावर फोम, दमिश्क टोपियां भी काफी पॉपुलर हैं।

प्लास्टिक की भी टोपी

वैली बाजार स्थित साजिद स्टोर के संचालक साजिद बताते हैं कि इस बार बैंस की टोपी भी लोग काफी पसंद कर रहे हैं। यह सस्ती होने के साथ ही काफी हल्की भी होती है। वही नमाजी मस्जिद में रखने के लिए प्लास्टिक की टोपी काफी पसंद की जा रही है। माना जाता है कि मस्जिद में टोपी रखने से सबाब मिलता है। मार्केट में व्हाइट के साथ कलरफुल टोपियों की खासी वैराइटी मौजूद हैं।

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दो हजार तक की टोपी

लखनऊ चिकन के संचालक ने बताया कि बाजार में 10 रुपये से लेकर 2000 हजार रुपये तक की टोपियां मौजूद हैं। लोग अपने बजट और स्टाइल को ध्यान में रखते हुए टोपी खरीद रहे हैं। 10 रुपये से लेकर 50 रुपये तक की रेंज में सबसे बेस्ट टोपी इंडोनेशियाई टोपी है। काफी सस्ती और रेगुलर नमाज पढ़ने वाले इसे खरीद रहे हैं। हल्की होने के साथ इन टोपियों पर की गई कढ़ाई भी लाजवाब है। वहीं 50 रुपये से लेकर 200 रुपये की टोपियां में लखनवी चिकन, रामपुरी टोपी, अल-फदीला, सना, सीरिया, उमर, जन्नत, दमिश्क तुर्की, बेंत टोपी, समरदाना टोपियां नमाजियों को काफी भा रही हैं। कलरफुल होने के साथ यह टोपियां काफी स्टाइलिश हैं। इस रेंज की सबसे बेस्ट टोपी दमिश्क तुर्की है। इन टोपियों पर बारीक कढ़ाई देखते ही बनती है.वहीं बाजार में 200 रुपये से लेकर 2000 रुपये की टोपियां भी मौजूद हैं। बरखादी, अलिफ, फारूक, मोती, तुर्की, स्टार, लावर फोम, वेलवेट, लेदर और फर की टोपियां इस कैटिगरी में आती हैं। ये टोपियां खास कपड़ों या लेदर से बनी है.उन पर की गई कढ़ाई भी स्पेशल होती हैं। यह ज्यादातर बांग्लादेश और अरब देशों से इंपोर्ट की जाती हैं।