पीले रंग की हल्दी को अब तक आप एक अच्छी एंटीसेप्टिक ही मानते आ रहे होगे मगर अब आप उसका एक गुण और भी जान लो. हल्दी एंटीसेप्टिक होने के साथ साथ एंटीटेररिजम भी है. मतलब कि हल्दी को अब सिर्फ एक आयुर्वेदिक एंटीसेपटिक न माना जाए जो कि चोट लगने पर दूध में मिलाकर पीने के काम आती है.

ब्यूसटी प्रॉडक्ट्सक में हल्दी  के गुणों की चर्चा तो खूब सुन ली आपने पर अब सुनिये कि क्राइम दूर करनें में हल्दी किस तरह कारगर सिद्ध हो सकती है. एक रिसर्च में यह बात सामने आई है कि हल्दी  बम का भी पता लगा सकती है.  सबसे बड़ी बात तो यह है कि हल्दी के इस गुण का पता लगाने वाले भी कहीं बाहर के साइंटिस्ट नहीं बल्कि इंडियन साइंटिस्ट ही हैं.

हल्दी से जानेंगे कहां हैं बम

अबतक जो हल्दीस पाउडर कैंसर टिस्यूज को मारने और महामारी से लड़ने में कारगर माना जाता था वह हल्दील के एक और गुण की वजह से बम का पता लगाने में काम आएगा. 

इंडियन साइंटिस्ट की एक टीम ने एक रिसर्च में पाया कि हल्दी में एक ऐसा केमिकल होता है जो कि सस्ते विस्फोट इंडीकेटर्स की खोज कर सकता है. साइंटिस्ट्स का दावा है कि हल्दी का लाइट इमिसन का गुण उस समय बदल जाता है जब यह हवा में मौजूद विस्फोटक पदार्थो के मालीक्यूल्स के संपर्क में आता है. इस रिसर्च को सेक्योरिटी प्वाइंट आफ व्यू से इंपारटैन्ट माना जा रहा है

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