इंडस्ट्रिज में ज्यादातर अनस्किल्ड लेबर
सिटी के अन ऑर्गेनाइज्ड सेक्टर के साथ साथ बिजनेस व इंडस्ट्रीज में भी ज्यादातर अनस्किल्ड लेबर हैं, जो टुसू पर्व सेलिब्रेट करते हैं। इनके लिए टुसू पर्व के इंपोर्टेंस का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि किसी भी स्थिति में ये अनस्किल्ड लेबर्स पर्व के लिए 10 से 15 दिनों की छुïट्टी पर चले जाते हैैं। जिसके कारण  इंडस्ट्रीज और अन ऑर्गेनाइज्ड सेक्टर स्पेशली कंस्ट्रक्शन वर्क पर असर देखने को मिल रहा है।

1200 यूनिट में हैं 30,000 वर्कर
टुसू पर्व का सबसे ज्यादा असर एसिया के सबसे बड़े इंडस्ट्रियल बेल्ट आदित्यपुर स्थित कंपनियों पर पड़ता है। यहां 1200 छोटी-बड़ी यूनिट्स हैं जहां 25 से 30 हजार वर्कर्स काम करते हैैं। जबकि लास्ट इयर यह आंकड़ा 70 से 80 हजार था।

मंदी के कारण असर कम
टुसू पर्व को लेकर वर्कर्स के छुïट्टी पर चले जाने के कारण प्रोडक्शन पर पहले की अपेक्षा थोड़ा कम असर है.एसिया के स्पोक्सपर्सन इंदर अग्र्रवाल कहते हैैं, इस साल मंदी के कारण वैसे भी ऑर्डर कम है। यही कारण है कि वर्कर्स के छुïट्टी पर जाने के बाद भी प्रोडक्शन पिछले साल की अपेक्षा कम अफेक्टेड है। कुछ साल पहले तक यह असर 100 परसेंट तक हुआ करता था, जबकि इस साल यह परसेंटेज थोड़ा कम है। लेकिन असर तो पड़ रहा है।

टुसू मेले में मंदी का असर
इस साल टुसू मेला में भी पहले की अपेक्षा भीड़ कम देखी जा रही है। मंदी के कारण वर्कर्स के पास खर्च करने के लिए पैसे भी कम है। आदित्यपुर और गम्हरिया के कई एरिया में जहां टुसू पर्व में कई एक स्थानों में मेले आर्गेनाइज किए जाते थे। इस साल ऐसी स्थिति नहीं हैं।

'टुसू पर्व में वर्कर्स के छुट्टी में चले जाने के कारण इंडस्ट्रीज के प्रोडक्शन पर असर पड़ रहा है.' 
-इंदर अग्र्रवाल, स्पोक्सपर्सन, एसिया

Report by: abhijit.pandey@inext.co.in