झूंसी बवाल के पीछे की कहानी में ट्विस्ट, पहले छुट्टन पर हुआ था बम से हमला

छुट्टन के साथी को लगा है बम, गंभीर रूप से जख्मी

छुट्टन को मारने के लिए सुपारी दिए जाने की चर्चा

ALLAHABAD@Inext.co.in

ALLAHABAD: झूंसी में जो बवाल हुआ है उसके पीछे की कहानी अब कुछ और ही नजर आने लगी है। जो स्टोरी अब तक दिखी है वह असली नहीं है। हिस्ट्रीशीटर छुट्टन ने यूं नहीं गांव में घुस कर अंधाधुंध गोलियों और बमों की बरसात की थी। उसने प्रतिशोध में यह हमला किया था। क्योंकि इसके पहले उसके ऊपर ही हमला किया गया था। इस हमले में छुट्टन तो बच गया, लेकिन उसका एक साथी बम से जख्मी हो गया था। वह अभी भी जिंदगी और मौत से लड़ रहा है।

जख्मी हालत में एडमिट

सोर्सेज की माने तो 9 फरवरी को पहले छुट्टन पर हमला किया गया था। इस हमले में हाल ही में जेल से जमानत पर रिहा हुए ऋषि का हाथ बताया जा रहा है। यह हमला कैसे हुआ यह तो क्लीयर नहीं हो सका। लेकिन हमले में छुट्टन का साथी छब्बू लाल जख्मी हो गया। उसके हिप पर बम लगा था.उसे चोरी छिपे एक हॉस्पिटल में एडमिट कराया गया है। हालांकि इस बात की जानकारी पुलिस ऑफिसर्स को भी है। लेकिन वे अभी साइलेंट बने हुए हैं।

सुपारी की चर्चा

वैसे इस घटना के पीछे एक और कहानी झूंसी में चर्चा में है। वह यह है कि प्रापर्टी को लेकर छुट्टन एंड कंपनी से निबटने के लिए कुछ लोगों ने उसे मारने की प्लानिंग की थी। उस पर हमला भी हुआ। यह सब शायद सुपारी देकर कराया गया। लेकिन इस हमले में छुट्टन बच निकला और ऐसा बदला लिया है कि सभी दंग रह गए। छुट्टन पहले ही बमबाजी में मास्टर था। उसके लिए बम चलाना बहुत छोटी बात थी। जब उसे लगा कि अब उसके अस्तित्व पर ही सवाल उठने लगा है तो उसने झूंसी में तांडव ऐसा रचा कि पुलिस भी उसे संभाल न पाई।

यूपी छोड़ कर भागा

छुट्टन की तलाश में झूंसी पुलिस के साथ साथ क्राइम ब्रांच टीम को भी लगाया गया है। झूंसी में सनसनीखेज वारदात को अंजाम देने के बाद से छुट्टन भागा हुआ है। सर्विलांस के थ्रू भी पुलिस को कोई मदद नहीं मिल रही है। अब पुलिस उसकी तलाश में सुरागरसी करने में जुटी है। क्योंकि चर्चा है कि रूलिंग पार्टी से जुड़े कुछ लीडर उसका सपोर्ट कर रहे हैं। यह भी कहा जा रहा है कि पिछले बार वह यूपी से भाग कर मध्य प्रदेश में छिपा था। इस बार भी वह मध्य प्रदेश में ही छिपा हो सकता है।