खाकी की जमकर 'खबर' ले रहा ट्वीटर

यूपी पुलिस के सोशल बिहैवियर को खुद रोजाना देखते हैं डीजीपी, गलत आचरण का चलता है डंडा

ashok.misra@inext.co.in

LUCKNOW :

रोजाना सुबह साढ़े नौ बजे का वक्त, डीजीपी अपने रूम में मौजूद, साथ में सोशल मीडिया सेल की टीम, तबादला आदेश जारी करने वाले डिप्टी एसपी और ट्वीटर पर आई शिकायत के बाद तलब आरोपी पुलिसकर्मी। डीजीपी का आदेश मिलते ही सामने टीवी पर वह क्लिप दिखाई जाती है, जिसमें आरोपित पुलिसकर्मी पुलिस के नियमों के विपरीत आचरण करते नजर आ रहे हैं। इसके बाद शुरू होता है उनसे पूछताछ का दौर और चंद मिनटों के भीतर ही उनके हाथ में सस्पेंशन ऑर्डर थमा दिया जाता है। डीजीपी ओपी सिंह कुछ इस तरह ट्वीटर पर पुलिसकर्मियों के खिलाफ आने वाली शिकायतों का निस्तारण करते हैं। आपको शायद यह जानकर ताज्जुब होगा कि अब तक वे 300 से ज्यादा पुलिसकर्मियों को सस्पेंड कर चुके हैं जबकि 64 मामलों में एफआईआर तक दर्ज करा चुके हैं। वहीं बीते तीन महीनों में सस्पेंड होने वाले पुलिसकर्मियों की संख्या 125 से ज्यादा है।

किस खुशी में नाच रहे थे

दरअसल सोशल मीडिया की ताकत बढ़ने के साथ ही पुलिसकर्मी भी अब लगातार उसका शिकार बनते जा रहे हैं। मोबाइल के कैमरे ने उनकी उन हरकतों को कैद करना शुरू कर दिया है जिसकी पुलिस विभाग अनुमति नहीं देता है। फिर चाहे मामला किसी को गाली देने का हो, बेवजह मारपीट करने का हो या फिर वर्दी में डांस करने का। ऐसे सभी मामलों में उन्हें डीजीपी मुख्यालय में तलब कर अनुशासनहीनता की सजा दी जाती है। डीजीपी उन्हें वह क्लिप दिखाते हैं जो किसी आम नागरिक ने यूपी पुलिस के ट्वीटर अकाउंट पर बतौर शिकायत भेजी है। साथ ही यह भी पूछते हैं कि आखिर उन्होंने ऐसी हरकत क्यों की जिससे वर्दी की शान पर बट्टा लगा। वहीं गंभीर मामलों में वह ऐसे पुलिसकर्मियों के खिलाफ तत्काल एफआईआर दर्ज कराने का निर्देश भी देने से नहीं चूकते। ध्यान रहे कि हाल ही में राजधानी में एक मोटरसाइकिल पर सवार पीआरडी और होमगार्ड के तीन जवानों द्वारा गाली-गलौच किये जाने के मामले में डीजीपी ने तत्काल एफआईआर दर्ज करायी है।

दी जाएगी ट्रेनिंग

यह मामला केवल शिकायतों का संज्ञान लेने और आरोपित पुलिसकर्मियों को सजा देने तक सीमित नहीं है। अभी तक ऐसे जितने मामलों में विभागीय कार्रवाई की गयी है, उसका एक पावर प्वाइंट प्रेजेंटेशन भी तैयार किया जा रहा है। यह प्रेजेंटेशन जल्द ही पूरा करके सभी पुलिस प्रशिक्षण केंद्रों पर भेजने की तैयारी है ताकि नये रंगरूटों को यह बताया जा सके कि किस तरह उनकी एक चूक खाकी को बदनाम कर सकती है। यह जिम्मा डीजीपी के पीआरओ और सोशल मीडिया सेल के इंचार्ज एएसपी राहुल श्रीवास्तव को सौंपा गया है। वहीं जिस व्यक्ति ने शिकायत की होती है, उसे भी ट्वीटर पर विभाग द्वारा की गयी कार्रवाई का ब्योरा भी उपलब्ध कराया जाता है। फिलहाल यूपी पुलिस की यह मुहिम खासी प्रभावी साबित हो रही है और बाकी पुलिसकर्मियों के लिए यह एक नजीर बनती जा रही है।

ट्विटर में टॉप पर यूपी पुलिस

यूपी पुलिस की ट्विटर सेवा फिलहाल प्रदेश के अलावा बाकी राज्यों में भी अपनी सफलता का परचम लहरा रही है। केवल प्रदेश ही नहीं, देश-विदेश में रहने वाले यूपी के मूल निवासी अपनी समस्याएं इसके जरिए पुलिस तक पहुंचा रहे हैं। इसकी सफलता का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि यूपी के तमाम सरकारी विभाग भी इस सेवा को शुरू करने के लिए यूपी पुलिस से संपर्क साधते हैं। देशभर में सोशल मीडिया पर आयोजित वर्कशॉप में एएसपी राहुल श्रीवास्तव को बुलाया जाता है ताकि वह यूपी पुलिस की इस सेवा के अनुभव सबके साथ साझा कर सकें। कहना गलत न होगा कि यह सेवा खाकी पर अक्सर लगने वाले दाग को काफी हद तक साफ करने में सफल साबित हो रही है।

कुछ अहम मामले

- हापुड़ में मॉब लिंचिंग के बाद घायल को बेरहमी से घटनास्थल से हटाना

- नोएडा में रिश्वत मांगने वाले पुलिसकर्मियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई

- लखनऊ में वाहन चेकिंग के नाम पर आम नागरिकों से मारपीट

- नोएडा में वकील को पुलिसकर्मियों द्वारा पीटने का मामला

- औरैया में यूपी 100 की गाड़ी पर भोजपुरी गाना बजाकर डांस करने का मामला

फैक्ट फाइल

- 3 माह में 100 से ज्यादा निलंबित

- 21 मामलों में एफआईआर

300 से ज्यादा अब तक सस्पेंड

64 मामलों में अक तक कुल केस

- 8,03,471 ट्वीट अब तक प्राप्त हो चुके हैं ट्वीटर सेवा शुरू होने के बाद

- 1,85,148 ट्वीट शिकायतों के ऐसे मिले जो कार्रवाई करने के लायक थे

- 1,70,336 ट्वीट के जरिए आई शिकायतों को किया जा चुका है निस्तारित

- 2,551 ट्वीट पर आई शिकायतों पर दर्ज करायी जा चुकी है एफआईआर

- 309 पुलिसकर्मियों को अब तक किया जा चुका है सस्पेंड

- 154 पुलिसकर्मियों को शिकायतों के बाद किया गया लाइन हाजिर

- 64 शिकायतें करप्शन से जुड़ी आई, एफआईआर कराई गयी

- 582 पुलिसकमियों के खिलाफ शिकायत पर विभागीय जांच शुरू

बीते तीन महीने में पुलिसकर्मियों पर कार्रवाई

माह निलंबन लाइन हाजिर एफआईआर विभागीय जांच

जून 34 27 09 73

जुलाई 32 18 03 56

अगस्त 51 23 11 53

ट्वीटर पर आई शिकायतों पर एफआईआर

जून - 454

जुलाई - 432

अगस्त - 412

पुलिस विभाग अनुशासन पर चलता है। अगर जनता किसी पुलिसकर्मी के गलत आचरण की शिकायत करती है तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाती है। सोशल मीडिया पर विभाग की छवि खराब करने वालों को सख्त नसीहत देने के लिए इस तरह के कदम उठाए जा रहे है।

- ओपी सिंह, डीजीपी, यूपी