- यूपी पुलिस ने एनआरआई की पुलिस संबंधी समस्या के समाधान के लिये लॉन्च किया ट्विटर हैंडल

- सभी देशों में बनाए जाएंगे कोऑर्डिनेटर व वॉलिंटियर्स

LUCKNOW :

सात समंदर पार बैठे यूपी के बाशिंदों को प्रदेश के किसी कोने में पुलिस मदद की जरूरत हो तो अब उन्हें सिर्फ एक ट्वीट करना होगा। जिसके बाद पुलिस उनकी समस्या का समाधान करने में जुट जाएगी। डीजीपी ओपी सिंह और ट्विटर इंडिया की पब्लिक पॉलिसी हेड महिला कौल ने एनआरआई के लिये यूपी पुलिस के ट्विटर हैंडल का शुभारंभ किया। इस मौके पर डीजीपी ने कहा कि उनकी कोशिश होगी कि जिन देशों में प्रदेश के नागरिक रहते हैं, वहां पर लोकल कोऑर्डिनेटर नियुक्त किये जाएंगे। साथ ही वॉलिंटियर्स भी नियुक्त किये जाएंगे।

एनआरआई के ट्वीट्स से मिली प्रेरणा

डीजीपी ओपी सिंह ने बताया कि यूपी पुलिस द्वारा सितंबर 2016 से स्पेशल सॉफ्टवेयर ट्विटर सेवा का संचालन किया जा रहा है। यह सॉफ्टवेयर यूपी पुलिस द्वारा ही प्रत्येक जिलों व इकाइयों के लिये इस्तेमाल किया जा रहा है। सितंबर 2016 से 30 अप्रैल यूपी पुलिस के ट्विटर हैंडल पर 5.61 लाख ट्वीट प्राप्त हुए। जिनमें से 1.27 लाख ट्वीट्स कार्यवाही के योग्य पाए गए और उनका संबंधित जिलों को भेजकर निस्तारण कराया गया। डीजीपी ने बताया कि यूपी पुलिस की ट्विटर सेवा के त्वरित रिस्पॉन्स की वजह से विदेशों में भी अक्सर भारतीय मूल के लोगों द्वारा उनकी समस्याओं का निस्तारण कराया जाता है। विदेश में रहने वाले प्रदेश के नागरिकों द्वारा किये जाने वाले ट्वीट की संख्या दिनो-दिन बढ़ती जा रही है। इसी से एनआरआई के लिये अलग ट्विटर हैंडल लॉन्च करने की प्रेरणा मिली।

24 घंटे करेगा काम

डीजीपी सिंह ने बताया कि आप्रवासी भारतीय नागरिकों के लिये लॉन्च किये गए @UPPolNRI पर विश्व के किसी भी देश में रहने वाले आप्रवासी भारतीय यूपी पुलिस से संबंधित अपनी किसी भी समस्या के लिये इस ट्विटर हैंडल पर ट्वीट कर सकते हैं। विदेश व देश के टाइम जोन में अंतर होने की वजह से यह ट्विटर हैंडल 24 घंटे काम करेगा। उन्होंने बताया कि जिन भी देशों में प्रदेश के नागरिक रहते हैं वहां कोऑर्डिनेटर नियुक्त किया जाएगा। कुछ दिनों पूर्व यूके के लिये सुप्रिया को कोऑर्डिनेटर के रूप में नियुक्ति की जा चुकी है। डीजीपी ने बताया कि यूपी पुलिस का कोऑर्डिनेटर बनने के इच्छुक एनआरआई @UPPolNRI पर ट्वीट कर सकते हैं। इसके अलावा uppolicenri@gmail.com पर मेल भी कर सकते हैं। उन्होंने बताया कि कोऑर्डिनेटर के अलावा विदेशों में डिजिटल वॉलिंटियर भी नियुक्त किये जाएंगे।

कोऑर्डिनेटर/डिजिटल वॉलिंटियर के काम

-अपने संबंधित देश में एनआईआर का डाटा बेस बनाना

-सामाजिक रूप से सक्रिय एनआरआई की एक सूची बनाना व उनका एक वॉट्सएॅप ग्रुप बनाना

-एनआरआई की यूपी पुलिस से संबंधित किसी समस्या में उनको एनआरआई ट्विटर हैंडल पर ट्वीट करने के लिये अवगत कराना

-उस देश में रहने वाले लोगों को यूपी पुलिस की ट्विटर सेवा के बारे में जागरूक कराना और अधिक से अधिक लोगों को जोड़ना

-यूपी पुलिस की विभिन्न नागरिक सुविधाओं यूपी 100, 1090 और ई-एफआईआर के बारे में एनआरआई समुदाय को अवगत कराना

-यूपी पुलिस के अच्छे कार्यो का प्रचार करना और अफवाहों का खंडन करना