इसका मतलब ये है कि कंपनी की क़ीमत अब 31 ख़रब डॉलर तक पहुंच गई है.

कारोबार के लिए उपलब्ध होते ही एक घंटे के भीतर ट्विटर के एक करोड़ तीस लाख शेयरों की ख़रीद फ़रोख़्त होने लगी.

2012 में फ़ेसबुक के स्टॉक बाज़ार में उतरने के बाद इस कंपनी के शेयरों का बेसब्री के साथ इंतज़ार था.

जोखिम

नई सूचीबद्ध होने वाली कंपनियों के शेयरों में पहले दिन उतार-चढ़ाव बना रहता है. जब नैस्डैक में फ़ेसबुक लॉंच हुई थी तब भी उसके शेयरों का दाम कुछ ही घंटों में शुरूआती 38 डॉलर से बढ़कर 45 डॉलर पर पहुंच गया था लेकिन बाद में उनमें गिरावट आ गई.

उस नुकसान की भरपाई 11 सितंबर 2012 को ही हो पाई जब कंपनी के शेयरों ने दोबारा 45 डॉलर के भाव को छुआ.

फ़ेसबुक का स्टॉक मार्केट में उतरना तकनीकी दिक्क़तों औऱ देरी का भी शिकार हुआ था.

ट्विटर को इस तरह के अनुभव से बचाने के लिए न्यूयॉरक् स्टॉक एक्सचेंज ने 26 अक्तूबर को सामान्य से कहीं ज़्यादा शेयरों के साथ परीक्षण किया था.

वित्तीय पड़ताल

ट्विटर: दोगुने हो गए शेयर के दामट्विटर अपने 7 करोड़ शेयर बेच रही है जिससे 1.8 अरब डॉलर जुटाए जाने की उम्मीद है.

जब से ट्विटर ने अपने शेयर बेचने की योजना घोषित की है तबसे कंपनी की कड़ी वित्तीय पड़ताल हो रही है. ख़ासकर तब जब कंपनी घाटे में है.

साल 2013 के शुरूआती छह महीनों के भीतर ट्विटर को 6.9 करोड़ डॉलर का नुकसान हुआ.

इसकी आमदनी का 75 फ़ीसदी साइट पर आने वाले विज्ञापनों से हासिल होती है और 75 फ़ीसदी ट्विटर उपभोक्ता मोबाइल फ़ोन के ज़रिए इसका इस्तेमाल करते हैं.

10 फ़ीसदी हिस्सेदारी के साथ कंपनी के सह-संस्थापक ईवान विलियम्स इसके सबसे बड़े शेयरधारक हैं. एक अन्य सह संस्थापक बिज़ स्टोन ने अपना हिस्सा बेच कर अब तक लाखों रुपए की कमाई कर ली है.

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