-नौकरी करके विश्वास करते थे हासिल, फिर उधार लेकर हो जाते थे चंपत

-मुंबई के व्यापारी को भी लगाया था 12 लाख का चूना, दो अरेस्ट

ALLAHABAD: सिविल लाइंस पुलिस ने दो ऐसे ठगों को दबोच लिया जिनकी कहानी सुनकर लोग एक दूसरे पर भरोसा करना छोड़ देंगे। दोनों ठग किसी बड़े व्यापारी के पास नौकरी करते थे और उसका भरोसा हासिल कर लेते थे। बाद में किसी बहाने से उससे कर्ज लेकर चंपत हो जाते थे। दोनों ने हाल ही में महाराष्ट्र के कारोबारी विजय भोसले से क्ख् लाख रुपए ले लिए और फरार हो गए। बुधवार रात में सिविल लाइंस पुलिस ने दोनों को सिविल लाइंस बस स्टेशन के पास से दबोच लिया।

सिविल लाइंस में मांगी थी मदद

कानपुर के घाटमपुर का प्रमोद कुमार उर्फ शिंटू व्यापारी विजय के पास गार्ड की नौकरी करता था। उसने उनका भरोसा जीत लिया था। कुछ महीने पहले वह शादी की छुट्टी लेकर कानपुर आया था। इसी बीच कारोबार के सिलसिले में ख्म् जून को विजय का इलाहाबाद आना हुआ। वह सिविल लाइंस के होटल में रुके थे तभी विजय का फोन आया। वह कानपुर के ही एक पंडित को लेकर होटल पहुंचा। बताया कि उनकी बेटी की शादी होनी है। क्ख् लाख रुपए न मिले तो शादी टूट जाएगी। प्रमोद कारोबारी का भरोसा पहले ही जीत चुका था। उन्होंने इलाहाबाद में ही अपने जानने वालों से क्ख् लाख रुपए जुटाए और प्रमोद को दे दिए। प्रमोद वादा करके गया था कि रुपए नहीं लौटा सका तो वह इतनी ही कीमत के जेवर दे देगा।

फोन हुआ बंद तो पहुंचे पुलिस के पास

विजय का माथा तब ठनका जब प्रमोद का फोन ऑफ हो गया। वह सिविल लाइंस थाने पहुंचे और शिकायत की। एफआईआर दर्ज करने के बाद पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज निकलवाई। कॉल डिटेल रिकॉर्ड से यह पता लगा लिया कि दोनों कानपुर के हैं। इसी बीच पुलिस को भनक मिली कि प्रमोद और पंडित कहीं जाने के लिए सिविल लाइंस बस स्टेशन पहुंचने वाले हैं। सिविल लाइंस चौकी प्रभारी इंदल यादव ने दोनों को दबोच लिया। दोनों के पास से एक लाख 70 हजार रुपए बरामद हुए हैं। पुलिस के मुताबिक दोनों ने यह बताया है कि वह इसी तरह से पहले भी कई लोगों को ठग चुके हैं। पंडित का असली नाम बदरे आलम उर्फ अच्छन है।

खाकी पहने लोग भी गैंग में

पुलिस को पता चला है कि इस गैंग में कुछ वर्दीधारी भी शामिल हैं। ख्म् जून को व्यापारी से मिलने जब प्रमोद पहुंचा था तो खाकी वर्दी पहने कुछ लोगों को भी साथ ले गया था। एक का नाम नसीम और दूसरे का निजामुद्दीन बताया गया। दोनों असली सिपाही हैं या नकली, इसकी जांच जारी है। इन दोनों ने रुपए वापस दिलाने की गारंटी दी थी।