CHAIBASA: एंटी करप्शन ब्यूरो (एसीबी) ने चाईबासा स्थित फिशरिज ऑफिस के फिशरिज एक्सटेंशन ऑफिसर निर्मल भगत और हेड क्लर्क अर्जुन गोप को चार हजार रुपए घूस लेते रंगे हाथ दबोच लिया। आरोप है कि दोनों मंझारी प्रखंड के एक लाभुक सिद्धार्थ गोप से मत्स्य पालन के लिए आवंटित तालाब की बंदोबस्ती के लिए 3730 रुपये की रसीद काटने के लिए चार हजार रुपए घूस मांग रहे थे। लाभुक ने इसकी जानकारी एसीबी को दी। मामले की जांच के बाद एसीबी के ने जाल बिछाया और शनिवार को रिश्वत लेते रंगे हाथ गिरफ्तार कर लिया गया। इसके बाद एसीबी की टीम दोनों को जमशेदपुर ले गई। यह छापामारी एसीबी जमशेदपुर डीएसपी अमर पांडेय के नेतृत्व में की गई।

कार्रवाई से हड़कंप

एसीबी की इस कार्रवाई से विभाग में हड़कंप मच गया है। हालांकि विभाग के दूसरे पदाधिकारियों व कर्मचारियों का कहना है कि यहां घूस मांगने जैसी कोई बात ही नहीं है। दरअसल, नोटबंदी के समय लाभुक सिद्धार्थ गोप ने बैंकर्स चेक के माध्यम से 3750 रुपये जमा कराए थे। चेक जिला मत्स्य पदाधिकारी के पास से प्रधान लिपिक के पास आया था। उन्होंने चेक जमा कर लिया मगर प्राप्ति रसीद लाभुक को नहीं दी थी। अभी मार्च में जब राजस्व वसूली का दबाव बढ़ा तो जिन लाभुकों ने भी भुगतान नहीं किया था, उन सभी को नोटिस भेजा गया था। रसीद नहीं होने की वजह से सिद्धार्थ गोप के पास भी नोटिस गया था। हालांकि यहां यह गलती हो गई कि प्रधान लिपिक ने पूर्व में जमा राशि की रसीद के बारे में पता ही नहीं किया ओर लाभुक से पैसे मांगने लगे।

हम लोगों के पास शिकायत आयी थी कि मत्स्य विभाग में तालाब बंदोबस्ती के लिए ड्राफ्ट बनाने को घूस मांगी जा रही है। हम लोगों ने अपने स्तर से इसकी पड़ताल की। शनिवार को टीम ने छापामारी कर आरोपितों को 4000 रुपये के साथ धर दबोचा। जमशेदपुर में प्राथमिकी दर्ज कर दोनों को जेल भेज दिया गया है।

-अमर पांडेय, डीएसपी, एसीबी, जमशेदपुर