ए1स1लुसिव न्यूज

- दोनों 4लॉकों में 20 हजार कुपोषित बच्चे में 8 हजार अतिकुपोषित

- जिला कार्यक्रम, जिला पंचायत, जिला स्वास्थ्य वि5ाग को सौंपी गई है जि6मेदारी

BAREILLY:

बरेली जिले में बिथरी में रूर्बन योजना लागू करने और 1यारा को मॉडल 4लॉक बनाने में 'कुपोषण' बाधा बन रहा है, जिस पर अब इन दोनों 4लॉकों से कुपोषण को मिटाने की मुहिम शुरू की जाएगी। सीडीओ ने कुपोषण को मिटाने के आदेश जिला कार्यक्रम अधिकारी, जिला पंचायती राज अधिकारी, मु2य चिकित्साधिकारी और राशन कोटा संचालकों को अपनी-अपनी सेवाएं देने के आदेश दिए हैं। वित्तीय वर्ष 2018-19 से पहले इन दोनों 4लॉकों को कुपोषण मुक्त उन्हें स्वस्थ 4लॉक बनाए जाने की सं5ावना है।

ताकि कोई 'दाग' न रहे

बरेली प्रदेश में दूसरा सबसे बड़ा कुपोषित जिला है, जहां करीब 1.2 ला2ा बच्चे कुपोषित हैं। 4लॉक बिथरी और 1यारा में करीब 20 हजार से ज्यादा बच्चे कुपोषित हैं। शहर के नजदीक होने से दोनों 4लॉकों को स्टेट डेवलपमेंट कमेटी के मेंबर्स ने रूर्बन योजना और प्रशासन ने 1यारा 4लॉक को मॉडल 4लॉक बनाने का संकल्प लिया है। दोनों ही योजनाओं को अमलीजामा पहनाने के लिए एक-एक कर यहां की प्रॉ4ल6स की सूची बनाई गई है। ऐसे में, प्राथमिक स्तर पर कुपोषण की समस्या समेत गांव को ओडीएफ करने का लक्ष्य र2ा गया है। ताकि एक-एक कर दाग दूर कर सकें।

बगैर बजट सारी सुविधाएं

सीडीओ सत्येंद्र कुमार ने बताया कि कुपोषण मुक्त 4लॉक बनाने में किसी तरह का बजट 2ार्च नहीं होगा। वि5ागों की ओर से पुष्टाहार, चिकित्सा, शौचालय, कोटेदारों को हॉट कुक योजना के तहत हाफ रेट में राशन देने को कहा है। कुपोषण का 2ात्मा करने में करीब दो से तीन माह लगेंगे ऐसे में अगले वित्तीय वर्ष की शुरुआत से पहले इन दोनों 4लॉकों को कुपोषण मुक्त बनाने का लक्ष्य र2ा गया है। पिछले दिनों हुई मीटिंग में जिला पंचायती राज वि5ाग को अन्य 4लॉकों के ला5ार्थियों की सं2या कम कर शौचालय का बजट इन 4लॉकों को ट्रांसफर करने के आदेश दिए हैं।

एक नजर में ।

- 16 4लॉक बरेली जिले में

- 1191 हैं ग्राम पंचायतें

- 2857 आंगनबाड़ी केंद्र

- 1015 में 28 हजार कुपोषित

- 2016 में 80 हजार कुपोषित

- 2017 में 1.2 ला2ा कुपोषित

- 80 हजार अल्प 40 अतिकुपोषित

- 30 अ1टूबर को हुआ वजन दिवस

कुपोषण मिटाने के लिए वि5ागवार सुविधाएं निशुल्क दी जा रही हैं। जिसका ला5ा उठाकर 4लॉक से एक बड़ी कुपोषित बच्चों को स्वस्थ बनाया जा सकता है।

सत्येंद्र कुमार, सीडीओ