सीबीएसई की अपेक्षा यूपी बोर्ड की एनसीईआरटी बुक्स की कीमत आधी

यूपी बोर्ड में इसी सत्र से लगाई गई हैं एनसीईआरटी की बुक्स

Meerut। बाजार में यूपी बोर्ड में इसी सत्र से शुरु हुई एनसीईआरटी बुक्स सीबीएसई में लगी एनसीईआरटी बुक्स से आधे दामों पर उपलब्ध हैं, जबकि निजी प्रकाशकों की किताबों में यह अंतर तीन से चार गुना है। अभिभावकों को स्कूल फीस के अलावा किताबों का भी कई गुना बोझ उठाना पड़ रहा है।

यह है स्थिति

क्लास 11 यूपी बोर्ड सीबीएसई---------प्राइवेट पब्लिशर्स

भारत का संविधान - 35---------100------- 400 रूपये तक

राजनीति का सिद्धांत - 25-----70-----------350 तक

गणित - 76---------------180-------400 रुपये तक

जीव विज्ञान - 74-------200------------450 रुपये तक

विश्व इतिहास के कुछ नियम - 58------------350 रूपये तक

अर्थशास्त्र - 22--------55-------------300 रुपये तक

भारतीय अर्थव्यवस्था का विकास - 29--------85---300 रूपये तक

क्लास 9, मैथ्स बुक

सीबीएसई एनसीईआरटी - 140 रुपए

यूपी बोर्ड एनसीईआरटी - 60 रुपए

आरडी शर्मा - 345 रुपए

वी अग्रवाल -392 रुपए

एमएल अग्रवाल- 340 रुपए

क्लास 8, मैथ्स बुक

सीबीएसई एनसीईआरटी - 50

यूपी बोर्ड एनसीईआरटी - 30 रुपए

आरडी शर्मा - 385 रुपए

आरएस अग्रवाल- 250 रुपए

ऑल इन वन मैथमेटिक्स -295 रुपए

सिस्टमैटिक मैथमेटिक्स- 285

पेज के आधार पर मूल्य

किताबों का मूल्य पेज के आधार पर होता है। जितने ज्यादा पेज, उतना अधिक मूल्य। ऐसे में एक ही किताब को कोई 400 पेज में छाप रहा है तो कोई 700 पेज में। जबकि यूपी बोर्ड की किताबों में अधिक पेज होने का बावजूद मूल्य कम ही रखा गया है। हालांकि स्कूलों का तर्क है कि प्राइवेट पब्लिशर्स हर साल सिलेबस में एडवांस पाठ्यक्रम जोड़तें हैं जबकि एनसीआईआरटी की किताबें रिवाइज नहीं हाेती हैं।

किताबों का खर्चा

पांचवीं- 3500 से 5500 रूपये

चार - 3500 से 4500 रूपये

तीन - 3500 से 4500 रूपये

दूसरी - 3000 से 3500 रूपये

पहली - 3000 से 3500 रूपये

सीबीएसई स्कूलों में प्राइवेट पब्लिशर्स की किताबों में कमीशन का खेल धड़ल्ले से चलता है। यही नहीं सीबीएसई की एनसीईआरटी की किताबें उपलब्ध न होने की बात कहकर अधिकतर प्राइवेट स्कूल्स निजी प्रकाशकों की महंगी किताबें को ही लगाते हैं।

आयुष जिंदल, अिभभावक

यूपी बोर्ड के लिए एनसीईआरटी की किताबें अगर बाजार में कम दाम पर उपलब्ध हैं तो उनकी क्वालिटी व सिलेबस आदि देखना होगा तभी कुछ कहा जा सकता है।

राहुल केसरवानी, सहोदय अध्यक्ष

पैरेंट्स को कोई परेशानी न हो इसलिए बुक स्टोर से एक या दो बुक्स लेने के लिए कह दिया जाता है। बुक्स डिसाइड करने में स्कूल की क्वालिटी के साथ बच्चों के डेवलपमेंट का ध्यान रखना पड़ता है।

डॉ। याचना भारद्वाज, प्रिंसिपल, रिषभ एकेडमी