RANCHI : पिपरवार थाना क्षेत्र में भाकपा माओवादियों ने पुलिस मुखबिरी का आरोप लगाकर दो युवकों की गोली मारकर हत्या कर दी। माओवादियों ने जाते-जाते यह धमकी भी दी कि जो पुलिस और टीपीसी की मुखबिरी करेगा, उसका यही हश्र होगा। इस घटना के बाद इलाके में दहशत का माहौल है। इधर, पुलिस पूरे मामले की छानबीन कर रही है। माओवादियों की तलाश में संभावित ठिकानों पर छापेमारी की जा रही है।

मुखबिरी के आरोप में कई की हत्या

पिपरवार में कभी पुलिस की मुखबिरी करने के आरोप में कोई नक्सलियों का शिकार बन जाता है तो कभी नक्सलियों के सहयोग करने के आरोप में कोई पुलिस के जाल में फंस जाता है। इस तरह नक्सल प्रभावित इलाकों में रहने वालों के लिए जिंदगी आसान नहीं रह गई है। इतना नहीं, नक्सलियों का समर्थक होने की वजह से कई लोग जेलों में भी बंद हैं।

बढ़ रही है घटनाएं

बिहार, झारखंड, उड़ीसा, छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र और आंध्र प्रदेश में ऐसी घटनाएं हुई हैं। वर्ष 2015-16 में झारखंड में 30 से ज्यादा लोगों को मौत के घाट सिर्फ इसलिए उतार दिया गया कि वे पुलिस की मुखबिरी करते थे। दरअसल, स्थानीय नागरिकों पर भी नक्सलवाद कहर बन कर टूट रहा है।

मुखबिरी के आरोप में 30 से ज्यादा की हो चुकी है हत्या

10 फरवरी, 2017 : गिरिडीह

गिरिडीह के मधुबन थाना क्षेत्र के बिरनगड्डा में नक्सलियों ने बीरबल मुर्मू नाम के एक युवक की पुलिस मुखबिरी के आरोप में नक्सलियों ने गला रेतकर हत्या कर दी थी। इस घटना को भाकपा माओवादियों ने अंजाम दिया था।

5 जनवरी 2017 : चतरा

चतरा के कान्हाचट्टी में नक्सलियों ने राजपुर थाना क्षेत्र के आरा गांव निवासी विजय सिंह भोक्ता और पथेल गांव निवासी संजय सिंह भोक्ता को गोली मार दी थी। दोनों पर न्यू एसपीएम नामक उग्रवादी संगठन के लिए मुखबिरी करने का आरोप लगाया गया था।

12 दिसंबर, 2016: गुमला

गुमला जिला के सदर थाना क्षेत्र के पनसो गांव में माओवादी नक्सलियों ने एक व्यक्ति की गोली मारकर हत्या कर दी थी। नक्सलियों ने घटना स्थल पर एक पर्चा छोड़कर मृतक रसूल अंसारी को पुलिस का दलाल बताया था।

11 जून 2016 : लातेहार

लातेहार के छिपादोहर थानाक्षेत्र के अमवाटिकर गांव में भाकपा माओवादियों ने ग्रामीण कैलाश तुरी की हत्या लाठी डंडे से पीट-पीटकर कर दी थी।

16 अगस्त 2016 : गिरिडीह

गिरिडीह डुमरी स्थित ससारखो पंचायत के मुरकुंडो में नक्सलियों ने पुलिस मुखबिरी के आरोप में दिनेश मांझी की हत्या कर दी थी।

30 मई 2016 : धनबाद

धनबाद जिले के हरिहरपुर थाना क्षेत्र में माओवादियों ने प्रभुदयाल पांडेय की गोलीमार कर हत्या कर दी गई थी। माओवादियो को शक था कि प्रभुदयाल पुलिस का एसपीओ है।

27 मई 2016 : बोकारो

बोकारो के महुआटांड़ थाना क्षेत्र के तिसकोपी गांव में नक्सलियों ने पुलिस मुखबिरी के आरोप में एक ग्रामीण की गोली मार कर हत्या कर दी थी। इस दौरान गांव में एक मोबाइल टावर भी नक्सलियों ने फूंक दिया था।

पुरानी रंजिश और लेनदेन में विवाद भी है वजह

जो भी स्थानीय आदिवासी नक्सलियों का शिकार हो रहा है उसे पुलिस का 'मुखबिर' बता कर मारा जा रहा है। लेकिन, ज्यादातर मामलों में पुरानी रंजिश और लेनदेन की ही बात सामने आ रही है। क्योंकि, नक्सली दस्तों में शामिल स्थानीय लोग बदला पूरा करने का खेल भी खेल रहे हैं।