- स्कूल वैन से ढोया जा रहा था शादी का सामान

- गुस्साई भीड़ ने बस में की तोड़-फोड़, जमकर किया हंगामा

LUCKNOW :

पीजीआई के वृंदावन इलाके में तेज रफ्तार स्कूल वैन की टक्कर से बाइक सवार दो सगे भाइयों की मौत हो गई। दोनों शादी समारोह से लौट रहे थे। हादसे के बाद आक्रोशित भीड़ ने बस में तोड़-फोड़ की और जमकर हंगामा किया। एक्सीडेंट के बाद बस ड्राइवर मौके से भाग निकला।

शादी समारोह से लौट रहे थे भाई

इंस्पेक्टर रवीन्द्रनाथ राय के मुताबिक चिरैयाबाग निवासी मिश्रीलाल यादव परिवार के साथ रहते हैं। उनका बड़ा बेटा शैलेंद्र घर के पास ही वृंदावन के नाम से दूध डेरी चलाता था। रविवार रात शैलेंद्र और आशुतोष एक शादी समारोह से लौट रहे थे। पीजीआई के वृंदावन कॉलोनी में रविवार रात तेज रफ्तार स्कूल बस ने बुलेट सवार भाइयों को टक्कर मार दी। जिससे दोनों लोग छिटक कर सिर के बल सड़क गिरे और गंभीर रूप से घायल हो गए। राहगीरों की मदद से उन्हें अस्पताल पहुंचाया गया। जहां शैलेंद्र यादव (38) और उनके छोटे भाई आशुतोष यादव (25) की मौत हो गई। उधर, हादसे से गुस्साएं लोगों ने बस को क्षतिग्रस्त कर दिया। पुलिस का कहना है कि बस रायबरेली के न्यू स्टैंडर्ड पब्लिक स्कूल की है.ड्राइवर की तलाश की जा रही है।

घर में मचा कोहराम

सोमवार दोपहर बाद दोनों भाइयों के शव घर पहुंचे तो कोहराम मच गया। शैलेंद्र की पत्नी शशि यादव और मां मधु का रो रोकर बुरा हाल था। पिता, भाई संतोष, आदित्य, सोनल और बॉबी के सब भाइयों की मौत से बेहाल हो गए। संतोष ने बताया शैलेंद्र की 21 नवंबर 2016 को शादी हुई थी। दोनों भाइयों का तेलीबाग स्थित बैंकुंठ धाम का अंतिम संस्कार किया गया।

बस से ढोया जा रहा था शादी का सामान

लोगों का कहना है स्कूल बस से शादी का सामान ढोया जा रहा था। आंधी पानी के दौरान ड्राइवर बस तेज चला रहा था। बताया जा रहा है मोड़ पर ड्राइवर ने रफ्तार कम नहीं की और सामने से आ रहे बुलेट सवार दोनों को भाइयों को टक्कर मार दी। जिससे बाइक के परखच्चे उड़ गए।

हेलमेट पहने होते तो बच जाती जान

प्रत्यक्षदर्शियों का कहना है शैलेंद्र और आशुतोष बिना हेलमेट थी। टक्कर के बाद दोनों लोग कई फुट ऊपर उछल कर सिर के बल गिरे। जिससे दोनों के सिर में गहरी चोट आई। डॉक्टरों का कहना है दोनों की मौत सिर में चोट आने से हुई है। अगर वे हेलमेट पहने होते तो शायद उनकी मौत न होती।

दारोगा पद की परीक्षा की थी उत्तीर्ण

शैलेंद्र के मामा ने बताया कि आशुतोष ने वर्ष 2017 में दारोगा पद के लिए परीक्षा दी थी। जिसमें वह उत्तीर्ण हो गया था। इस बात को लेकर घर वाले काफी खुश थे। दोनों की मौत ने पूरे परिवार को झंझोर कर रख दिया।