-सैय्यदनगर में दो समुदाय भिड़े, पुलिस से भी मारपीट

-मारपीट, पथराव से मची अफरा-तफरी में चार लोग घायल, पुलिस ने बवालियों को खदेड़ा

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KANPUR: पांच दिन पहले से कानपुर के अतिसंवेदनशील कल्याणपुर इलाके के सैय्यद नगर में 'आग' सुलग रही थी। लेकिन खुफिया तंत्र फेल होने की वजह से आखिरकार वेडनेसडे को वो 'आग धधक' उठी। इस 'आग' को रोकने के लिए गलती का खामियाजा पुलिस ने भी पहले 'भुगता' लेकिन बाद में फास्ट एक्शन लिया और शहर की शांति और सौहृार्द को बचा लिया। पांच दिन पहले दो समुदायों के बीच हुए एक छोटे से 'बवाल' पर अगर पुलिस एक्शन ले लेती तो शायद कुछ न होता।

हाथापाई के बाद पथराव

सैय्यद नगर में वेडनेसडे को जुलूस-ए-मोहम्मदी के निकलने के दौरान दो समुदाय के लोगों में टकराव हो गया। दोनों समुदाय के लोग एक दूसरे पर झगड़ा करने का आरोप लगाते रहे और उनके बीच हाथापाई के बाद पथराव शुरू हो गया। इसमें पांच लोग घायल हुए। पुलिस ने बीच बचाव की कोशिश की तो भीड़ का फायदा उठाकर विशेष समुदाय के लोगों ने पुलिस कर्मियों से हाथापाई कर दी।

फिर एक्शन में आई पुलिस

पुलिस से हाथापाई के बाद हालात इतने बेकाबू हो गए कि पुलिस को लाठी पटककर लोगों को खदेड़ना पड़ा। डीएम, एसएसपी, एडीएम सिटी, एसवी वेस्ट ने पीएसी और अतिरिक्त फोर्स के साथ वहां पहुंचकर स्थिति को संभाला। इसके बाद जुलूस को निकाला गया। पुलिस ने घायलों को हास्पिटल में एडमिट कराने के बाद चार उपद्रवियों को हिरासत में भी ले लिया। उनके खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कर कार्रवाई की जा रही है।

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ये 3 कारण जो करवाते हैं बवाल

गलत रूट-इस अतिसंवेदनशील एरिया में हर वर्ष रामनवमी और बारावफात के जुलूस को लेकर नोंकझोक होती है। इसके बाद जरा सी गलती पर बड़ा बवाल हो जाता है। लेकिन फिर भी हर बार पुलिस रूट को लेकर कोई डिसीजन नहीं लेती है।

ुफिया गलती: लोकल इंटैलीजेंस हार बार गलती करती है। ये सबसे बड़ा और अहम सवाल है कि घटना के बाद ये बात सामने आती है कि खुफिया ने क्यों वहां के हालात पर अधिकारियों को अपनी रिपोर्ट नहीं दी। अगर देते तो ऐसा न होता।

लापरवाह प्रशासन: प्रशासन को हर वर्ष दो बार सैय्यद नगर में बवाल के बारे में पता है। लेकिन इस के बाद भी लापरवाही इस स्तर की है कि फिर दोनों समुदाय आमने-सामने आ जाते हैं और स्थिति बिगड़ जाती है। ऐसी लापरवाही की वजह?

इनसे भी नहीं ली सीख

-पिछले साले 2017 में रामनवमी जुलूस के दौरान मारपीट और लाठीचार्ज हो गया था। इस बवाल की गाज तत्कालीन डीआईजी सोनिया सिंह पर गिरी थी।

-तत्कालीन एसएसपी शलभ माथुर के समय बारावफात की सजावट को लेकर बवाल हुआ था। जिसमें बवालियों ने पथराव और आगजनी कर दी थी।

-रामनवमी के जुलूस में गर्म पानी फेंक देने पर दोनों समुदाय के लोग आमने-सामने आ गए थे। पुलिस ने दोनों पक्षों के 30 लोगों पर की थी कार्रवाई।

'सैय्यदनगर में दो पक्षों के आमने-सामने आने के बाद झड़प हुई लेकिन पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए उस पर काबू पा लिया। अब स्थिति पूरी तरह शांतिपूर्ण है.'

अनंत देव, एसएसपी कानपुर नगर