- सीताराम सर्राफ का दो बार मृत्यु प्रमाण पत्र जारी किया जीएमसी ने

- जमीन पर कब्जोके लिए बनवाया गया फर्जी प्रमाण पत्र

GORAKHPUR: नगर निगम हमेशा कमाल करता रहता है, इस बार तो उसने और कमाल कर दिया है। जीएमसी ने एक व्यक्ति का दो बार मृत्यु प्रमाण पत्र बना दिया है। नगर निगम का यह खेल भले ही छोटा लगे, लेकिन इस खेल में करोड़ों रुपए का गोलमाल हो सकता है।

पहला मृत्यु प्रमाण पत्र क्9म्0 का, क्9भ्9 का

बसंतपुर खास के रहने वाले सीताराम सरार्फ पुत्र स्व। गोपाल दास का पहला मृत्यु प्रमाण पत्र ख्9 मार्च क्9म्0 को जारी किया गया था। जिसमें सीताराम सरार्फ की मृत्यु का कारण पेट की खराबी दर्शाई गई है। वहीं दूसरा प्रमाण पत्र मुख्य नगर स्वास्थ्य अधिकारी डॉ। अरूण कुमार ने जारी किया है। जिसमें मौत की तारीख ख्9 मार्च क्9भ्9 दर्ज है। यह दोनों अभिलेख नगर निगम के रिकार्ड में हैं।

जमीन बेचने को बनवाया फर्जी प्रमाण पत्र

पार्षद विंध्यवासिनी जायसवाल ने बताया कि बसंतपुर खास के हासूंपुर एरिया के प्रेम आटा चक्की के पास ख्ब्00 स्क्वायर फीट जमीन है। यह मालती पांडेय और सीताराम सरार्फ की संयुक्त जमीन थी। बाद में मुकदमा होने के बाद सुप्रीम कोर्ट ने दोनों का आधी-आधी जमीन देने का निर्णय सुनाया। स्व। सीताराम सरार्फ के कोई पुत्र न होने के कारण उन्होंने अपने साले के नाम वसीयत कर दी। वहीं मालती पांडेय का भी कोई पुत्र नहीं है, अभी वह जिंदा हैं। सीताराम के साले ने जब इस जमीन को बेचने की कोशिश की तो सीताराम के एक रिश्तेदार प्रतीक बर्नवाल आए और जमीन पर दावा ठोंक दिया। प्रतीक बर्नवाल का कहना था कि सीताराम सर्राफ ने मुझे दत्तक पुत्र बनाया था। इसी बीच प्रतीक बर्नवाल ने नगर निगम से स्व। सीताराम का फर्जी मृत्यु प्रमाण पत्र बनवा लिया।

मुख्य नगर स्वास्थ्य अधिकारी ने फर्जी जन्म प्रमाण पत्र बनाया है। इसकी जांच होनी चाहिए और जांच में जो भी दोषी पाया जाता है। उस पर नियमानुसार कार्रवाई की जाए।

विंध्यवासिनी जायसवाल,

मनोनीत पार्षद

प्रमाण पत्र बनवाने के लिए जो एफिडेविट व डाक्युमेंट के साथ लगे थे, उनकी जांच की जाएगी और जो सही होगा उसी प्रमाण पत्र को जारी किया जाएगा।

डॉ। अरूण कुमार,

मुख्य नगर स्वास्थ्य अधिकारी जीएमसी