रोज की तरह खड़ी की थी कार

परिजनों ने बताया कि सोमवार की दोपहर प्रभात को कुछ लोगों ने अपने चचेरे भाई के यहां कार को गैरेज के अंदर लेकर जाते हुए देखा था। शाम होने पर वहां घर में मौजूद एक लड़की ने कार को गैरेज में खड़ी देख बाहर से ताला लगा दिया था। लेकिन उसको ये पता नहीं था कि कार में अंदर कौन है। कार में दो लाशें होने की जानकारी उस वक्त हुई जब सोमवार की सुबह घर का एक मेम्बर गैरेज खोलकर कार की सफाई करने पहुंचा। कार ऑन थी इसपर गैरेज खोलने गये युवक को शक हुआ। उसने कार के शीशे से अंदर झांका तो ड्राइविंग सीट पर प्रभात और बगल वाली सीट पर मोनिका दोनों अर्धनग्न अवस्था में पड़े हुए थे।

जंगल में आग की तरह फैली खबर

ये सीन देख उसने घर के अन्य लोगों को इसकी सूचना दी। जबतक परिजन गैरेज तक पहुंचते, वहां गांव वालों की अच्छी-खासी भीड़ जुट चुकी थी। हर कोई ये जानने में जुटा था कि गैरेज में खड़ी कार में क्या हुआ है। परिजनों ने गैरेज में पहुंचकर कार के डोर को किसी तरह खोला तो अंदर से भयानक बदबू आ रही थी और प्रभात व मोनिका कार की फ्रंट सीट पर कुछ इनर वियर के साथ पड़े हुए थे। कार ऑन थी और उसका एसी भी चल रहा था। इसपर परिजनों ने पहले चालू कार को बंद किया, फिर पुलिस को इंफॉर्म किया।

चचेरे भाई के यहां खड़ी थी कार

प्रभात गांव का कोई एैरा-गैरा इंसान नहीं था बल्कि बहादुरपुर की ग्राम प्रधान कुसुम सिंह का पति था। कुसुम थी तो प्रधान लेकिन घरेलू महिला होने के कारण वो घर गृहस्थी में ही ज्यादा बिजी रहती थी और पति प्रभात उसका सारा कामकाज संभालता था। प्रभात के एक बेटा भी है। जबकि मोनिका चौबेपुर के चुमकुनी गांव के राजेश राय की बड़ी बेटी थी। मोनिका ने इसी साल इंटर पास किया था। वह गांव में ही कढ़ाई, बुनाई की क्लास कर रही थी। परिजनों ने बताया कि प्रभात अपनी मारुती 800 नंबर यूपी 65 वी 7481 को चचेरे भाई अखिलेश सिंह के मकान के गैरेज में खड़ी करता था।

मौके पर पहुंचे exports

पुलिस को सूचना मिलते ही फैंटम दस्ता मौके पर पहुंचा। मामले की गंभीरता को देखते हुए फैंटम ने वायरलेस के थू्र इसकी सूचना चौबेपुर थाने को दी। सूचना पाते ही एसओ चौबेपुर गजानंद चौबे, एसएसपी बीडी पॉल्सन व एसपीआरए अमरेन्द्र प्रसाद सिंह के साथ डॉग स्क्वॉड व फोरेंसिक एक्सपट्र्स भी स्पॉट पर पहुंचे। घटनास्थल पर पड़ताल के बाद खोजी कुत्ते को कुछ खास हाथ नहीं लगा। वो बार-बार उसी गैरेज में ही सिमट कर रह जा रहा था। फोरेंसिक टीम के मेम्बर्स को कार के अंदर दो मोबाइल फोन्स, कोल्ड ड्रिंक की खाली बोतल और बैक सीट से दोनों के कपड़े और चप्पलें मिली हैं। जबकि फोरेंसिक टीम को कार के फ्लोर से शीरम भी मिला है। एसपीआरए अमरेन्द्र प्रसाद सिंह का कहना है कि दोनों ने मौत से पहले सेक्स किया होगा और इसके बाद एसी ऑन करके दोनों फ्रंट सीट पर लेट गये होंगे। अब चूंकि ये हादसा है या कुछ और, ये पीएम रिपोर्ट आने के बाद ही क्लीयर हो सकेगा।

अपनों ने भी नहीं बहाये आंसू

कहते हैं कि मरो तो ऐसे मरो की दुनिया इज्जत की नजरों से देखे। लेकिन प्रभात और मोनिका की इस तरह से हुई मौत ने दोनों के परिवारों को पूरे गांव के सामने शर्मिंदा कर दिया। प्रभात की छवि गांव में दबंग की थी। हर कोई उसकी इज्जत करता था जबकि मोनिका को गांव की सीधी-साधी लड़की के तौर पर जाना जाता था लेकिन दोनों के बीच ये खिचड़ी पक रही है ये किसी ने सोचा भी न था। गांव वालों ने बताया कि प्रभात का मोनिका के घर आना-जाना था और वो भी अक्सर प्रभात के साथ उसकी कार में घूमती थी। लेकिन मंगलवार को दोनों की लाशें कार के अंदर बगैर कपड़ों में देखकर सिर्फ गांव के लोगों की ही नहीं बल्कि इन दोनों के परिवारों की भी आंखें शर्म से झुक गईं। शायद तभी इनकी मौत के बाद भी इनके परिवार के किसी सदस्य की आंखों में आंसू नहीं थे। हर कोई एक-दूसरे से नजरें चुरा रहा था।

साइलेंट किलर है कार्बन मोनोआक्साइड गैस

कार के अंदर प्रभात और मोनिका की हुई मौत ने पुलिस और फोरेंसिक एक्सपट्र्स को परेशान कर दिया है। मौके पर पहुंचे फोरेंसिक एक्सपर्ट एके तिवारी ने बताया कि दोनों की मौत की मेन वजह है कार्बन मोनो आक्साइड गैस। ये गैस साइलेंट किलर के तौर पर काम करती है। बंद कमरे में, बंद कार में या कोई ऐसा रूम जिसमें हवा के आने-जाने का कोई रास्ता न हो वहां पर ये गैस खतरनाक बन सकती है। ऐसा ही कुछ हुआ है इस केस में। जिस वक्त दोनों कार में मौजूद थे उस वक्त दोपहर का समय था। बाहर वेदर ज्यादा गर्म था जबकि गैरेज में उमस थी। इसी से बचने के लिए प्रभात ने कार का एसी ऑन कर छोड़ रखा होगा। लेकिन खड़ी कार में एसी प्रॉपर वर्क न कर सका और अंदर कार्बन मोनोआक्साइड गैस जेनरेट होने लगी। चूंकि दोनों फ्रंट सीट पर रिलैक्स मूड में थे इसलिए कार के अंदर एसी से निकलने वाली कार्बन मोनो आक्साइड गैस का असर तेजी से हुआ होगा। इससे पहले तो दोनों अनकॉसस हुए होंगे लेकिन बाद में गैस का असर जब ज्यादा हुआ होगा तो दोनों का दम घुटने से उनकी मौत हो गई होगी।

कार की सवारी पड़ सकती है भारी

कार में लंबी जर्नी खतरनाक हो सकती है। ऐसा मानना है ऑटो एक्सपट्र्स का। एक्सपट्र्स की मानें तो कार में लंबे सफर के वक्त एसी ऑन करने के बाद कुछ सावधानियां बरतनी चाहिए।

- लंबी जर्नी के वक्त एसी ज्यादा तेज न चलायें

- कुछ कुछ देर पर कार का शीशा खोलकर ताजी हवा भी अंदर आने दें

- खड़ी कार में एसी चलाना खतरनाक है इसलिए ऐसा न करें

- खड़ी कार में इंजन ऑन करने से कार में आग भी लग सकती है

- कार के एसी की गैस को प्रॉपर चेक कराते रहें।