जेल भेज दिया
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RANCHI  : चुटिया पुलिस ने 54 लाख रुपये ठगी का आरोपित कंपनी एपीयर फ्यूचर सॉल्यूशन कंपनी के दो संचालकों को मंगलवार को जेल भेज दिया है। जेल भेजे गए आरोपितों में पश्चिम बंगाल के बांकुड़ा निवासी रूप कुमार सिंह और जमशेदपुर के अनिल कुमार शामिल हैं। दोनों के खिलाफ धुर्वा निवासी डेजी प्रतिमा एक्का, मुक्ति प्रकाश तिर्की, कलेप कुमार सोय, नेलसन पूर्ति, अजीत केरकेट्टा, मनोज कुमार बाखला सहित अन्य ने 54 लाख रुपये की ठगी का आरोप लगा थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई थी। पीडि़तों का कहना था कि 20 महीने में दोगुनी रकम लौटाने का सब्जबाग दिखाकर उनसे इंवेस्टमेंट करवाकर ठगी कर ली गई। रुपये लौटाने की बारी आई तो कंपनी के संचालक टालते रहे।

कस्टमर्स को दिए थे लुभावने ऑफर
इस कंपनी में शिकायतकर्ता डेजी और मुक्ति प्रकाश तिर्की प्रमोटर बनी थी। कंपनी ने इनलोगों को 20 महीना में दोगुना पैसा देने का प्रोविजन बताया था। इसके लिए कस्टमर्स को पहले चरण में 10 प्रतिशत देता था, फिर कमीशन 7 प्रतिशत कर दिया। कुछ कस्टमर्स को गोवा टूर और गोल्ड भी दिया गया था।

गरीबों ने भी गाढ़ी कमाई गंवा दी
खूंटी से कुछ हडि़या बेचनेवाली और घरों में बर्तन का काम करनेवाले महिलाओं ने भी सपने साकार करने के लिए पैसे जमा किया था। लेकिन जब पैसा लेने का समय आया तो पता चला कि उनका खाते में नाम हीं नहीं चढ़ा था। जब पता किया गया तो उनलोगों की आईडी भी नहीं खोली गई थी और वहां से ढाई लाख रूपया वसूल लिया। हुलहुंडू की इमोरीज खलखो के मुताबिक, महिलाओं से डेजी और मुक्ति प्रकाश तिर्की ही पैसे लेते थे। दोनों रिश्ते में पति पत्‌नी हैं।

एक होटल में खोला था दफ्तर
पैसे इंवेस्ट करने के लिए ग्रीन होराइजन होटल के कमरे में दो से तीन महीने तक रूक कर इंवेस्टर्स को लुभाते थे। शिकायतकर्ता ने बताया कि साल अक्टूबर 2017 में अनिल कुमार और रूप कुमार सिंह निजी खाते में पैसा डलवाया। अधिकतर आदिवासी लोगों को निशाना बनाया गया। फिर, कुछ दिनों के बाद कंपनी की साइट को बंद कर दिया गया। लोगों को पैसा इंवेस्ट कराने के दौरान पता चला कि आरबीआई की ओर से कोई रजिस्ट्रेशन नहीं है और कंपनी का कोई साइड बिजनेस भी नहीं है।