-सारनाथ में फर्जी LIU इंस्पेक्टर और मंडुवाडीह में फर्जी STF दरोगा बनकर पुलिस पर जमा रहे थे रौब, शंका होने पर पुलिस ने किया अरेस्ट, भेजे गए जेल

VARANASI:

आपने पुलिस की वर्दी पहनने के बाद रंग जमाने के किस्से तो कई बार सुने होंगे। लेकिन इस बार वर्दी के नाम पर फर्जी ढंग से रंग जमाने का केस सामने आया है। ऐसा करने वाले दो शातिरों को भारी पड़ गया और अब दोनों हवालात की हवा खा रहे हैं। मामला है सारनाथ और मंडुवाडीह इलाके का। सारनाथ में फर्जी एलआईयू इंस्पेक्टर बनकर एक महिला से रुपये ऐंठने वाले एक युवक को पब्लिक ने पकड़कर पुलिस को सौंप दिया। वहीं दूसरी तरफ मंडुवाडीह के चांदपुर में एक ढाबे पर नशे की हालत में मारपीट करने वाले एक युवक ने खुद को एसटीएफ का दारोगा बताकर पुलिस पर रौब गांठने का प्रयास किया। शंका होने पर पुलिस ने उसे भी पकड़ लिया। दोनों मामलों की जांच जारी है।

पहले लिया दो हजार

आशापुर की रहने वाली दुर्गावती देवी से एक जमीन विवाद को सुलझाने के नाम पर एके सिंह नाम का एक अधेड़ पिछले कुछ दिनों से मिल रहा था। खुद को एलआईयू में इंस्पेक्टर बताने वाले एके सिंह ने महिला से कुछ दिनों पहले दो हजार रुपये लिए और काम दो दिनों में पूरा करवाने की बात कहकर ट्यूजडे को भी दस हजार रुपयों की और मांग की। ऐसे में महिला को उसपर शक हुआ। इसके बाद उसने एलआईयू कर्मियों को जानने वाले कुछ लोगों को साथ लिया और उस व्यक्ति से मिलने पहडि़या चौराहे पर जा पहुंची। वहां बातचीत के दौरान महिला ने वहां से हटकर फोन किया और साथ आये लोगों से एके सिंह को पहचानने को कहा। इसपर लोगों ने उसे फर्जी बताया और पीटने के बाद सारनाथ पुलिस के हवाले कर दिया। पुलिस पूछताछ में एके सिंह ने बताया है कि वह लंका में किराये पर रहता है और आर्मी से सिपाही के पद से दो साल पहले रिटायर हुआ है। पुलिस मैटर की जांच कर रही है।

वहीं एक अन्य केस में मंडुवाडीह के चांदपुर में एक ढाबे पर दो लोगों संग नशे की हालत में झगड़ रहे केराकतपुर लोहता के मनीष सिंह सिसोदिया को फैंटम दस्ते ने पकड़ लिया। मनीष फैंटम दस्ते को वर्दी पहनी फोटो दिखाकर खुद को एसटीएफ का दारोगा बता रहा है। हालांकि पुलिस उसे फर्जी दारोगा बता रही है और मामले की जांच कर रही है।