- दिल्ली एम्स नहीं ले जा पाने का जीवन भर मलाल रहेगा पिता छोटक यादव को, कुछ दिनों से बीमार थे बच्चे

PATNA/BUXAR: यह सपने में भी नहीं सोचा था कि इतनी जल्दी बच्चे हमसे जुदा हो जाएंगे। आर्थिक स्थिति कमजोर होने से बेहतर इलाज के लिए दिल्ली एम्स नहीं ले जा सके। जिसका मलाल और अफसोस जीवन भर रहेगा। यह कहना है एक गरीब, असहाय और सदमे में डूबे पिता छोटक यादव का। मां बेचारी तो कुछ बोल ही नहीं पा रही हैं। हालांकि, दो सिर वाले जुड़वा बच्चे को पटना पीएमसीएच में दिखाया था। जहां डॉक्टरों ने जच्चा और दोनों बच्चे को स्वस्थ बताते हुए वापस घर भेज दिया था।

चमत्कार मान रहे थे ग्रामीण

धनसोई बाजार से महज चार-पांच किमी दूर स्थित रोहतास जिले के दिनारा प्रखंड अंतर्गत गंगाढी गांव कल तक मीडिया की सुर्खियों में था। जिसका मुख्य कारण छोटक यादव और शिवरातों देवी के घर जन्मे दो सिर, चार हाथ और एक शरीर वाला जुड़वा बच्चा था। ग्रामीण जुड़वा बच्चों को भगवान का चमत्कार मान रहे थे। लेकिन, रविवार की सुबह जुड़वा बच्चे ¨जदगी की जंग हार गए। परिजनों ने बताया कि बच्चे पिछले कुछ दिनों से बीमार थे।

कैसे दिख रहे थे जुड़वा बच्चे

जुड़वा बच्चों का शरीर एक-दूसरे से जुड़ा था। दो सिर, दो पैर और चार हाथ थे। जबकि, पेशाब और पैखाना का रास्ता एक था। इसके अलावा दोनों अलग-अलग ड्रॉप से दूध पीते थे।

भगवान का बालरूप मान पूजते थे लोग

छोटक यादव और शिवरातों देवी के घर दो जून को जन्मे जुड़वा बच्चों को लोग भगवान का चमत्कार मान रहे थे। बच्चों के ऊपर चढ़ावा चढ़ाना शुरू कर दिए थे। वे इन्हें भगवान का बालरूप मानने लगे थे। बच्चे को देखने के लिए सुबह चार बजे से रात दस बजे तक लोगों की भीड़ लगती थी। दूर-दूर से लोग देखने के लिए पहुंचते थे।