वन विभाग की टीम ने पुलिस के साथ मिलकर की कार्रवाई

काफी संख्या में पक्षी व जानवर कराए गए मुक्त, कोतवाली में एफआईआर दर्ज

BAREILLY:

आसमान में उड़ने वाले स्वच्छंद परिंदों को कैद में रखने वाले चिडि़मार कैद में पहुंच गए, जब वन विभाग व पुलिस के ज्वाइंट एक्शन में जिला परिषद के सामने दो चिडि़मार वन्यजीव के साथ पकड़े गए। दोनों के खिलाफ कोतवाली में मुकदमा दर्ज कर लिया गया है। वन विभाग ने जिला पालिका परिषद के सामने सैटरडे भी चेकिंग अभियान चलाया था लेकिन कोई भी शख्स पकड़ में नहीं आया था।

5 पिंजरों में बंद थे सभी

रेंजर ओपी शर्मा ने डिप्टी रेंजर सुनील रंजन दीक्षित व मुकेश चंद्र कांडपाल और वन रक्षक चिंतामणि शर्मा और कोतवाली पुलिस की टीम के साथ छापेमारी की। छापेमारी के दौरान बिहारीपुर निवासी लालता प्रसाद और संजय अवैध रूप से वन्य जीवों की बिक्री करते पकड़ा गया। दोनों के पास 5 पिंजरे मिले। पिंजरों को चेक करने पर पाया गया कि उनमें रॉक पिजन जाति के दो कबूतर, इंडियन ब्लू राबिन जाति की 40 चिडि़यां, 4 कॉमन पैरेट, 2 सफेद जंगली चूहे और 7 जंगली खरगोश बंद करके रख्ो गए थे।

चंद रुपयों के लिए कारोबार

पुलिस पूछताछ में लालता प्रसाद व संजय ने बताया कि वह पक्षी व जानवर बेचकर अपनी रोजी रोटी चलाते हैं। वह किस्त पर रुपए लेकर वन्य जीवों को खरीदते हैं और कुछ मुनाफा कमाकर बेच देते हैं। वह एक तोता 40 रुपए में खरीद कर 50 रुपए में और खरगोश 80 रुपए में खरीदकर 100 रुपए में बेच देते हैं। वहीं वन विभाग वालों का कहना है कि जिला परिषद और कुमार टाकीज के पास कई लोग इस अवैध ध्ाधे को कर रहे हैं। पकड़े गए लोगों के खिलाफ वन जीव संरक्षण अधिनियम की धारा 9, 39 व 51 के तहत कार्रवाई की गई है।

घर में भी पालना ग्ौर कानूनी

किसी वन्यजीव या फिर चिडि़या को पिंजरे में कैद रखकर पालना अपराध है। आमतौर पर लोग शौकिया घरों में तोते व दूसरे पक्षी पाल लेते हैं। शिकायत होने पर कानूनी कार्रवाई का शिकार हो सकते हैं।