-एटीएस पर दबाव तो नहीं, आरोपियों के दबाव में आईओ के बदलने जाने की चर्चा

GORAKHPUR: गोरखपुर सहित देश के विभिन्न शहरों से खुले टेरर फंडिंग की पोल अब ठंडी पड़ती जा रही है। एटीएस के ताबड़तोड़ अलग-अलग शहरों से दस आरोपियों की गिरफ्तारी के बाद अब इसकी जांच में कई नए मोड़ सामने आने लगे हैं। यूपी एटीएस के सूत्र बताते हैं कि 24 मार्च को हुई एटीएस की कार्रवाई के बाद अब तक इस मामले के दो जांच अधिकारी बदले जा चुके हैं। दबे जुबान से यह भी कहा जा रहा है कि आरोपियों की मदद के लिए यूपी एटीएस पर भी तमाम तरह के दबाव पड़ने लगे हैं। ताकि विवेचना के दौरान उनकी मदद हो सके। वहीं, यूपी एटीएस का दावा है कि आरोपियों से पूछताछ में मिली जानकारी के आधार पर जल्द इस नेटवर्क से जुड़ी कुछ अन्य गिरफ्तारियां होंगी।

गोरखपुर से हुई थी छह गिरफ्तारी

24 मार्च को टेरर फंडिंग के मामले में एटीएस ने गोरखपुर सहित अलग-अलग शहरों से दस लोगों को गिरफ्तार किया था। इनमें से गोरखपुर के दो मोबाइल कारोबारी भाईयों सहित छह लोगों को एटीएस ने गोरखपुर से गिरफ्तार किया। पूछताछ के दौरान खुलासा हुआ था कि हवाला कारोबार के जरिए टेरर फंडिंग का खेल देशभर में चल रहा है। इसमें शहर के तीन बड़े व्यापारियों के नाम सामने आने के बाद एटीएस ने उनसे भी पूछताछ की थी। एटीएस के अब तक की पड़ताल में इस धंधे का नेपाल कनेक्शन भी सामने आया था। दूसरी तरह एटीएस ने सभी आरोपियों को रिमांड पर लेकर छह दिनों तक गहन पूछताछ की थी और टेरर फंडिंग से जुड़े कई ठोस सबूत भी जुटाए थे।

सबूत के बाद होगी गिरफ्तारी

एटीएस के मुताबिक आरोपियों के पास से मिले बैंक खातों की डिटेल व अन्य सबूतों के आधार पर अब तक यूपी सहित देश भर में इस नेटवर्क से जुड़े करीब सैकड़ों लोगों को चिह्नित किया जा चुका है। सभी पर एटीएस की पैनी नजर है। अधिकारियों के मुताबिक, फिलहाल यह सभी संदिग्ध तो हैं, लेकिन इनके खिलाफ किसी ठोस सबूत के मिलने का इंतजार किया जा रहा है। ताकि इन आरोपियों की गिरफ्तारी की जा सके। वहीं, टेरर फंडिंग की जांच पर अधिकारियों का दावा है कि मामले की गोपनीयता बनी रहे, इसे देखते हुए जांच अधिकारी बदले जा रहे हैं, टीम पर किसी तरह का कोई दबाव नहीं है। जल्द टीम इस नेटवर्क से जुड़े और बड़े खुलासे भी करेगी।

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वर्जन-- आईजी एटीएस