आईएमडी के प्रिडिक्शन में भिन्नता

देश की सरकारी एजेंसी भारतीय मौसम विभाग आईएमडी ने बारिश को लेकर भविष्यवाणी की है कि मानसून इस साल काफी कमजोर रहेगा। इस जुलाई बारिश सामान्य से 12% कम होने के आसार है। जब कि वहीं प्राइवेट मौसम एजेंसी स्काईमेट का दावा है कि इस साल बारिश करीब औसत से 102% यानी कि'सामान्य'होगी। इस बार सबसे खास बात तो यह है कि पिछले साल चार से मौसम को लेकर भविष्य वाणी करने वाली स्काईमेट का दावा कभी आईएमडी से अलग नहीं हुआ है, लेकिन इस बार उसके और आईएमडी के प्रिडक्शन में भिन्नता है। यह भी तथ्य है कि जून में बारिश ने स्काईमेट के प्रिडिक्शन के मुताबिक हुई। जिससे इस बार एजेंसी ने मीडिया का एक अच्छा अटेंशन पाया है। ऐसे में अब सवाल यह उठता है कि आखिर किसकी भविष्यवाणी पर यकीन किया जाए। अब देखना है कि कि इस मानसून भविष्यवाणी प्रतियोगिता में किसकी भविष्यवाणी सटीक बैठती है।

बुनियादी ढांचे का इस्तेमाल

हालांकि सोमवार को देश में हुई बारिश जुलाई में होने वाली बारिश से सामान्य से करीब 30% कम रही। सबसे खास बात यह भी है कि आगामी 7 दिनों में भी मौसम में सुधार होने कुछ खास अवसर नही हैं। इसके साथ आईएमडी के मुताबिक जुलाई के अंत तक करीब बस 92% बारिश होगी। वहीं स्काईमेट ने ऐलान किया है इस बार बारिश का औसत 104% रहेगा। इसके साथ ही कहना है कि जल्द ही मानसून सामान्य से 2% ऊपर पहुंचने वाला है। इस संबंध में स्काईमेट के मौसम विज्ञान के उपाध्यक्ष जीपी शर्मा के मुताबिक जुलाई और अगस्त का महीना काफी महत्वपूर्ण है। एंजेसी का मानना है कि आधी जुलाई के बाद मौसम बारिश के हिसाब से काफी अच्छा होगा। हालांकि इसके साथ ही उन्होंने कहा कि एजेंसी अगले सप्ताह तक मौसम को देखकर अपने प्रिडिक्शन में डाउनग्रेड कर सकती है। स्काईमेट अपनी भविष्यवाणियों में बुनियादी ढांचे का इस्तेमाल कर रहा है।

आईएमडी के लिए बड़ी उपलब्धि

वहीं इस संबंध में भारतीय मौसम विभाग आईएमडी के निदेशक एम राजीवन का कहना है कि आईएमडी मानसून के पूर्वानुमान के लिए सुपर कंप्यूटर का उपयोग कर रहा है। जिससे पिछले तीन सालो से उसकी एक टयूनिंग बनी है और उसके सुरप कंप्यूटर से उसकी भविष्यवाणी काफी सटीक बैठ रही है। इसके आगे दो सालों में यह मॉडल और ज्यादा सटीक संभवना व्यक्त करने के निकट पहुंच जाएगा। यह आईएमडी के लिए और बड़ी उपलब्धि होगी। इसके साथ ही उनका कहना रहा कि एक युग्मित मौसम मॉडल के विकास के लिए सुपर कंप्यूटर को और तेजी से डेवलप किया जा रहा है। वहीं इस संबंध में स्काईमेट उपाध्यक्ष जीपी शर्मा का कहना है कि वह मौसम के पूर्वानुमान के लिए सीएफएस मौसम मॉडल का उपयोग करता। अब पिछले छ महीनों में उसकी कप्यूटिंग क्षमता दोगुना हो गई है। जो कि इससे पहले बस भारतीय वायु सेना के मौसम विज्ञान विभाग की ओर से उपयोग में लाया जा रहा था।

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