उधर पुलिस ने शाम में विद्यानंद को जेल भेज दिया। पुलिस के अनुसार कोई और सनकी भी हो सकता है, सादी वरदी में हर जगह पुलिस तैनात है और जल्द ही हमलावर गिरफ्त में होगा। पर, संडे की घटना ने लोगों की बेचैनी बढ़ा दी है। उनके जेहन में तरह-तरह के सवाल कौंधने लगे हैं। कहीं ब्लेडमैन का कोई गिरोह तो नहीं है? कोई आपराधिक गिरोह पुलिस को गुमराह तो नहीं कर रहा है? कोई यह तो जताना नहीं चाह रहा है कि विद्यानंद असली ब्लेडमैन नहीं है? आखिर वह बच्चों के खून का प्यासा क्यों है? यानी जितने चेहरे, उतने सवाल

पुलिस-पब्लिक दोनों खौफ में

नो डाउट, पुलिस व पब्लिक, दोनों ब्लेडमैन को लेकर खौफ में है। खाजेकलां थाना क्षेत्र से शुरू हुआ यह वाकया मेहंदीगंज व चौक थाना क्षेत्र में फैल गया है। पब्लिक तो इस तरह डरी हुई है कि ब्लेडमैन के शक के चक्कर में कचरा चुनने वाले मो। शफीक की बुरी तरह पिटाई की। हालांकि उसे बचाने का काम पुलिस ने ही किया। हालांकि पुलिस अब भी कटघरे में है, क्योंकि शफीक अब तक उनकी कस्टडी में है। क्या सुराग हाथ लगा, इस पर भी बोलने वाला कोई नहीं है।

एसएसपी की उड़ गई है नींद

वैसे तो पुलिस पूरी तरह चौकस है। क्योंकि ब्लेडमैन की अरेस्टिंग के बाद भी संडे की घटना ने पुलिस को इस मुद्दे पर फिर से सोचने के लिए विवश कर दिया है। कहीं यह साइको के शिकार युवक या फिर किसी बड़े गैंग की योजना तो नहीं है। कोई गिरोह शहर में आतंक फैलाने का काम तो नहीं कर रहा है। हालांकि इस काम में खाजेकलां, चौक, मेहंदीगंज, बाइपास,  आलमगंज व बहादुरपुर थाने की पुलिस लगी हुई है। मालूम हो कि एसएसपी अमृत राज पीस कमेटी की मीटिंग में कह चुके हैं- 'सच कहें तो उनकी रात की नींद उड़ चुकी है। जब तक सही ब्लेडमैन को पकड़ नहीं लेता हूं, शायद नींद नहीं आएगी.' बहरहाल, संडे को हुई घटनाओं ने जरूर पुलिस वालों की नींद उड़ा दी है।

हेमा के बयान पर भेजा गया जेल

ब्लेडमैन मामले में खाजेकलां थाना की पुलिस ने हेमा के बयान पर विद्यानंद सागर को जेल भेजा। इसके अगेंस्ट कांड 52/12 दर्ज किया गया था। इसमें कहा गया है कि थाना चौक के बटाऊकुआं निवासी मो शाहिब की बेटी हेमा खाजेकलां थाना क्षेत्र के चौघड़ा नून की चौराहा में नाना मो। शमशुद्दीन के घर आई हुई थी। सर्वोदय एकेडमी के पास वह सब्जी लाने को मार्केट जा रही थी कि एक युवक उसके बगल में सट गया और ब्लेड मार दिया। हेमा ने पुलिस को ब्लेड मारने वाले का हुलिया बताया था। इसके बाद उसका स्केच बनवाया गया। उसी के आधार पर विद्यानंद सागर की अरेस्टिंग हुई थी।