-एनआइए के पूर्व गिरिडीह के डुमरी थाना में दर्ज हुई थी प्राथमिकी

-नक्सलियों के 1125 आधार कार्ड, 60 एटीएम व 200 बैंक खातों का हुआ था खुलासा

रांची : गिरिडीह के डुमरी थाने में दर्ज एक मामले में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआइए) ने सीपीआइ माओवादियों के दो सदस्यों को पूछताछ के लिए रिमांड पर लिया है। यह वही कांड है, जिसमें पुलिस ने 16 कुख्यात नक्सलियों को गिरफ्तार किया था, जिनके पास से 1125 आधार कार्ड, 60 एटीएम व 200 बैंक खाते मिले थे। जिन्हें एनआइए ने रिमांड पर लिया है, उनमें महावीर मांझी उर्फ चारलीस और सुनील मांझी उर्फ चोपा शामिल हैं। दोनों से एनआइए की टीम पांच दिन और पूछताछ करेगी। इनपर खिलाफ एकमत होकर युद्ध के लिए योजना बनाने, षडयंत्र करने, देश की एकता एवं अखंडता को नुकसान पहुंचाने आदि का आरोप है। मामले में तीन अन्य अभियुक्त भी एनआइए की गिरफ्त में थे, जिन्हें अदालत के आदेश पर गुरुवार को न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया। इन अभियुक्तों में सोहन भुइयां उर्फ रामवृक्ष भुइयां, चितरंजन सोरेन और सुमीत हेंब्रम शामिल हैं।

5 दिन हो चुकी है पूछताछ

इन तीनों के अलावा महावीर और सुनील को इसके पूर्व भी एनआइए की टीम ने पांच दिनों की रिमांड पर लेकर पूछताछ की थी। रिमांड अवधि समाप्ति के बाद सभी पांचों अभियुक्तों को प्रधान न्यायायुक्त सह एनआइए के विशेष न्यायाधीश नवनीत कुमार की अदालत में पेश किया गया था। इनमें सुनील और महावीर को पुन: पांच दिनों के लिए रिमांड पर लिया गया है। इसके लिए एनआइए की टीम ने अदालत में आवेदन देकर अनुरोध किया था कि अभियुक्तों से उन्हें और पूछताछ करनी है। इसलिए रिमांड के लिए अनुमति दी जाए। एनआइए के अनुरोध को स्वीकार करते हुए अदालत ने रिमांड पर दिया। शेष तीन अन्य अभियुक्तों को जेल भेज दिया गया। एनआइए में मामला दर्ज होने के पूर्व गिरिडीह के डुमरी थाना में कांड संख्या 26/18 के तहत छह मार्च 2018 को प्राथमिकी दर्ज की गई थी। मामला संगीन होने के बाद राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआइए) को जांच का जिम्मा सौंपा गया। एनआइए ने 11 मई 2018 को कांड संख्या 5/18 के तहत प्राथमिकी दर्ज कर जांच शुरू की।