राष्ट्रीय कृषि आयात निर्यात परिषद के नाम पर आम जनता को लाखों रुपये की चपत लगाने वाले जालसाजों के खिलाफ सीबीआई ने केस दर्ज कर लिया है। मामला प्रधानमंत्री कार्यालय से जुड़ा है। प्रधानमंत्री कार्यालय के ज्वाइंट डिप्टी डायरेक्टर की शिकायत पर सीबीआई मुख्यालय ने प्रारंभिक जांच के बाद लखनऊ के इंदिरानगर निवासी काशीनाथ तिवारी, आगरा निवासी प्रियांक वर्मा व अज्ञात के खिलाफ केस दर्ज कर विवेचना शुरू कर दी है। मालूम हो कि इस मामले में जालसाजों ने फर्जी तरीके से पीएमओ के कार्यालय आदेश बना लिए थे। जांच के दौरान पीएमओ ने ऐसे किसी आदेश के जारी होने से इंकार कर दिया था जिसके बाद यह मामला सीबीआई के सिपुर्द कर दिया गया था।

सरकारी संस्थान बताकर ठगा

सीबीआई के मुताबिक काशीनाथ तिवारी और प्रियांक वर्मा ने राष्ट्रीय कृषि आयात निर्यात परिषद को सरकारी संस्थान बताते हुए आम लोगों को नौकरी दिलाने के नाम पर लाखों रुपये की गाढ़ी कमाई को ठग लिया। इस मामले में तीन पीडि़तों यूपी के जलेसर निवासी तुलसी राम से छह लाख, बिहार निवासी विशाल मिश्रा से पचास हजार व हरियाणा निवासी दीपक रांगी से छह लाख रुपये सरकारी नौकरी दिलाने के नाम पर हासिल किए। उन्हें भरोसा दिलाने के लिए जालसाजों ने प्रधानमंत्री कार्यालय, वित्त मंत्रालय और मुंबई के चीफ कस्टम कमिश्नर के जाली कार्यालय आदेश बनाकर दे दिए।

फर्जी वेबसाइट बनाई

इतना ही नहीं, उन्होंने लोगों को धोखा देने के लिए परिषद की फर्जी वेबसाइट भी बनाई। जांच में यह भी सामने आया कि यह सारा गोरखधंधा काशीनाथ तिवारी के इंदिरानगर स्थित आवास से चल रहा था। वहीं प्रियांक वर्मा ने आगरा में इसका क्षेत्रीय कार्यालय बना रखा था। इस प्रकरण की जांच अब नई दिल्ली स्थित सीबीआई मुख्यालय की स्पेशल क्राइम ब्रांच-1 करेगी।