-तीन अपहर्ता हथियार के साथ गिरफ्तार, हो रही पूछताछ

-29 जुलाई को ही बस से पहुंचे थे रमोद तिवारी व श्रीकांत

-कांटाटोली से ही अपहर्ताओं ने दोनों को उठाया

-सीठियो रिंग रोड के पास जंगल के एक स्कूल में रखा था दोनों युवकों को

-परिजनों से मांगी दस लाख की फिरौती, 8 लाख देकर छुड़ाने आए थे परिजन

-एक पत्रकार की सूचना पर एसएसपी ने बिछाया जाल

RANCHI: बिहार के सिवान से रांची पहुंचे दो युवक रमोद तिवारी व श्रीकांत को पुलिस ने रविवार को सीठियो में किडनैपर्स के चंगुल से मुक्त करा लिया है। वहीं, किडनैपर्स रंजीत रंजन, प्रकाश कुमार यादव व मनीष गोप भी हथियार व नशीला पाउडर के साथ गिरफ्तार कर लिए गए हैं। अपहरण के लिए इस्तेमाल की गई कार जेएच-0क्एडी-9909 व एफजेड बाइक जेएच-0क्बीएक्स-क्म्फ्भ् भी बरामद कर ली गई है। पुलिस गिरफ्तार किडनैपर्स से पूछताछ कर रही है। फ्0 वर्षीय रमोद तिवारी उत्तरप्रदेश के कुशीनगर जिले के तरेया सुजान थाना क्षेत्र के मठिया श्रीराम के निवासी हैं, जबकि श्रीकांत कुशीनगर सीमा पर स्थित बिहार के गोपालगंज के निवासी हैं। दोनों ख्9 जुलाई की सुबह ही रांची पहुंचे थे, जिसके बाद उन्हें अगवा कर लिया गया था।

क्या है मामला

रमोद तिवारी की पत्नी के मामा अक्षय लाल तिवारी का बिहार के सिवान जिले के तरवाड़ा में कोयले का कारोबार है। कुशीनगर स्थित गांव से पांच किलोमीटर की दूरी पर बिहार के गोपालगंज जिले की सीमा है, जहां के श्रीकांत से रमोद की दोस्ती है। रमोद का परिचय एक अपराधी रंजीत रंजन से भी था। रंजीत रंजन ने ही रमोद से कहा था कि वह डेढ़ लाख रुपए का इंतजाम करे, जिससे रांची में कोई व्यवसाय करेंगे। दोनों में सहमति बनी और इसके बाद रमोद व श्रीकांत रांची के लिए सिवान से बस पकड़कर शुक्रवार यानी ख्9 जुलाई को रांची पहुंचे। ख्9 जुलाई की सुबह कांटाटोली के समीप बस स्टैंड पर उतरने के बाद दोनों को रंजीत रंजन अंजली होटल में ठहराया और रुपए के बारे में पूछताछ की। इस पर रमोद ने कहा कि उसके पास तत्काल ख्ख् हजार रुपए हैं। वह और रुपए का भी इंतजाम कर लेगा। रंजीत ने उनसे ख्ख् हजार रुपए ले लिए और और अपनी कार में दोनों को बैठाकर धुर्वा के सिठियो ले गया। सिठियो के पास ¨रग रोड के समीप जंगल में स्थित एक स्कूल में दोनों को रखा। यहां उन दोनों से मारपीट की, उनके रुपए व एटीएम छीन लिए। इसके बाद एटीएम से रुपए की निकासी भी की।

क्0 लाख मांगी थी फिरौती

इसके बाद रमोद तिवारी के मोबाइल से ही उसके पिता बलिराम तिवारी को फोन कर दस लाख रुपए की फिरौती मांगी। इसके बाद रंजीत के नंबर से भी कॉल कर फिरौती की राशि मांगी गई। अपहर्ताओं ने कहा कि वे अपने बच्चों को जिंदा चाहते हैं तो तत्काल दस लाख रुपए रांची पहुंचा दें। वहां से आठ लाख रुपए लेकर रमोद के परिजन सिवान होते हुए स्कार्पियो से रांची के लिए रवाना हुए।

परिजनों ने पत्रकार को दी सूचना

रमोद के परिजनों ने पुलिस को सूचना नहीं दी। उनलोगों ने रांची के एक पूर्व परिचित अपने पत्रकार को इसकी जानकारी दी और कहा कि बिना पुलिस की मदद से रुपए देकर बच्चों को मुक्त कराना है। इधर, पत्रकार ने रांची के एसएसपी को बताया कि परिजन फिरौती की राशि देने के लिए तैयार हैं, वे रांची आ गए हैं। एसएसपी ने गोपनीय तरीके से परिजनों के पीछे अपनी टीम लगा दी।

लालपुर में पुलिस ने बिछाया जाल

अपहर्ताओं ने पहले ¨रग रोड और फिर लालपुर के लैंडमार्क होटल के पास बुलाया। लालपुर लैंडमार्क होटल के समीप लालपुर थानेदार रमोद कुमार सिंह व सदर थानेदार भोला प्रसाद सिंह सदल-बल मौजूद थे। रमोद के पिताजी से रंजीत ने फोन पर लोकेशन लिया और वहां पहुंचकर रमोद के पिताजी का पैर छूकर प्रणाम किया। तभी मौके पर मौजूद अधिकारियों ने उसे पकड़ लिया और स्कार्पियो में बैठाकर उससे कड़ाई से पूछताछ की, इसके बाद सभी धुर्वा पहुंचे।

सीठियो में पुलिस ने दबोचा

इधर, रंजीत के साथ लालपुर पहुंचे बाइक सवार मनीष गोप किसी तरह भागकर सिठियो पहुंच गया। वहां से सभी अपहृत को लेकर कार से भागने ही वाले थे कि पुलिस रंजीत को लेकर वहां पहुंच गई। तभी मनीष गोप अपना हथियार लहराने लगा और भागने लगा, जिसे दौड़ाकर सदर थानेदार भोला प्रसाद सिंह ने पकड़ लिया।