समय से पहले 70 फीसदी टायर हो रहे 'पंचर'

- कंपनी के दावे पर खरे उतर रहे हैं सिर्फ 30 फीसदी टायर

- हर माह शहर में बदले जा रहे हैं करीब दस हजार टायर

-सड़कों की हालत खराब होने से तय तक नहीं निभा रहे साथ

GORAKHPUR: 'ऊबड़-खाबड़ रास्ते हों या फिर पहाड़ी इलाके, चकाचक रोड हो या फिर ऊंची-नीची गलियां, तेज धूप हो या फिर बरसात, हमारा टायर हमेशा ही निभाएगा आपका साथ' अपने प्रॉडक्ट को प्रमोट करने के लिए टायर कंपनीज अक्सर ही ऐसे दावे कर मार्केट में अपनी ब्रांडिंग कर रही हैं। मगर शहर की सड़कें ऐसे तमाम दावों की हवा निकाल दे रही हैं। शहर की सड़कों पर फर्राटा भरने वाली गाडि़यों के टायर वक्त से पहले ही दगा दे जा रहे हैं, जिससे न सिर्फ लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है, बल्कि नया टायर लगवाने के लिए उन्हें अपनी जेब भी ढीली करनी पड़ रही है।

वक्त से पहले से ही फट जा रहे टायर

टायर कंपनीज के वादों की झड़ी में कॉमर्शियल गाडि़यां सबसे ज्यादा शिकार बन रही हैं। आंकड़ों पर नजर डालें तो हर साल कॉमर्शियल गाडि़यों के कम से कम पांच टायर चेंज करने पड़ रहे हैं। इसमें तीस फीसदी टायर घिसने की वजह से खराब हो रहे हैं, तो वहीं 70 फीसदी टायर अपनी उम्र पूरी करने से पहले ही फट जा रहे हैं। स्थानीय व्यापारियों की मानें तो रूरल एरियाज से आने वाली गाडि़यों की हालत जल्दी पतली हो जाती है। यह आधे से भी कम समय में इस्तेमाल करने लायक नहीं रह जाती है।

शहर में करीब 40 करोड़ का व्यापार

सड़क की खराब हालत की वजह से टायर कंपनीज की भी चांदी हो गई है। हालत यह है कि लगातार टायर खराब होने के केसेज की वजह से व्यापार का आंकड़ा भी करोड़ों में पहुंच गया है। आसपास के जिलों से भी शहर में टायर के खरीदार बड़ी संख्या में आते हैं, जिसकी वजह से शहर में हर माह करीब 40 करोड़ के टायर बिक जाते हैं। इनमें से भी करीब 40 फीसदी ट्रक का टायर, 35 फीसदी घरेलू व कामर्शियल गाडि़यों के टायर के साथ 25 फीसदी बाइक के टायर शामिल हैं। इसमें कम वेट होने की वजह से बाइक के टायर कम फटते हैं।

कंपनीज दे रहीं कट वारंटी

दावों की हवा निकलने के बाद अब कंपनीज ने खराब सड़कों की वजह से गिट्टी, रोड़े से टायरों के कटने या खराब होने पर भी कट वारंटी देना शुरू कर दिया है। वह टायरों का दाम दस से बीस फीसदी जयादा लेती हैं और डेढ़ से तीन साल में टायर के कट जाने पर उसे रिप्लेस कर देती हैं। सामान्य तौर पर गाडि़यों में लोग जो हवा डलवाते हैं वह गर्मी में फैलता है, जिससे ट्यूब व टायर पर दबाव बनता है और टायर फट जाते हैं। कामर्शियल गाडि़यों में नाइट्रोजन एयर का इस्तेमाल करना चाहिए, यह धूप में फैलता नहीं है। जिससे टायर के फटने की संभावना बेहद कम हो जाती है।

यह है टायरों की बिक्री

व्हीकल टाइप टायर की तादाद

बाइक 8000-10000

कामर्शियल 2000-3000

घरेलू गाडि़यां 1500-2500

टायरों की ड्यूरेबिल्टी

कामर्शियल 3 से 4 साल

कार 4 से 5 साल

बाइक 2 से 3 साल

एवरेज लाइफ -

कॉमर्शियल 1.5 से 2 साल

कार 2 से 3 साल

बाइक 1.5 से 2 साल

रूरल एरियाज से शहर में अप-डाउन करने वाली गाडि़यों का टायर आधे समय भी मुश्किल से चलता है। हाल में टायरों के फटने की संख्या बढ़ी है। टायर फटने से कभी-कभी बड़ी दुर्घटनाएं हो जाती हैं।

राजमीत सिंह, टायर व्यापारी

बड़ी गाडि़यों की अपेक्षा बाइकों के टायर कम खराब होते हैं क्योंकि चालक सड़क को खुद देखता है। फिर भी कम समय में टायर खराब हो जा रहे हैं।

सतपाल सिंह, टायर व्यापारी