JAMSHEDPUR: कोल्हान में ही हायर एजुकेशन की चाह रखनेवाले स्टूडेंट्स के लिए खुशखबरी है। जल्दी ही बिना फाइनेंशियल सपोर्ट के कोल्हान यूनिवर्सिटी (केयू) में कई सब्जेक्ट में यूजी और पीजी की पढ़ाई होगी। इससे अब छात्रों का पलायन भी रुकेगा। कई कॉलेजों में यूजी-पीजी की पढ़ाई के लिए एडमिशन भी शुरू हो गया है। एकेडमिक काउंसिल में लिए गए निर्णय के अनुसार पीजी व यूजी के कई विषयों में पढ़ाई करने वाले कॉलेजों को स्पष्ट निर्देश दिया गया है कि वे इसके लिए सारा खर्च अपने स्तर से करें। यहां तक कि अगर शिक्षकों को अगर मानदेय देना पड़े तो वह खर्च भी कॉलेज करेगा। इसके अलावा आवश्यक अन्य खर्च भी कॉलेज करेंगे। विश्वविद्यालय एक पैसे का सहयोग नहीं करेगा।

सूबे में पहली बार

सूबे में इस तरह की पहल करने वाला कोल्हान विश्वविद्यालय पहला विश्वविद्यालय बन गया है। इस व्यवस्था के तहत कॉलेज सेवानिवृत्त शिक्षक खोजने भी लगे हैं। वर्कर्स कॉलेज में इतिहास व पॉलिटिकल साइंस की पढ़ाई के लिए डॉ। अशोक सिन्हा, डॉ। एके वर्मा, डॉ। ललिता खलको, रवि शंकर राय, नरेंद्र कुमार सिंह, डॉ। जेपी शर्मा ने सहमति जतायी है। इन्होंने बिना मानदेय के पढ़ाने की मंशा जाहिर की है।

किया था आंदोलन

मालूम हो कि इन कॉलेजों से छात्र संख्या कम होने से कई विषयों में पीजी व यूजी की पढ़ाई बंद कर दी गई थी। शिक्षकों तथा कर्मियों के स्वीकृत पद को समाप्त कर दिया गया था। लेकिन छात्र संगठनों द्वारा कई कॉलेजों में विभिन्न विषयों में पीजी की पढ़ाई प्रारंभ करने की मांग तथा लगातार आंदोलन एवं इन विषय के छात्रों के दूसरे राज्यों या कॉलेजों में पलायन के कारण केयू को बिना वित्तीय सहायता के कई विषयों में यूजी और पीजी की पढ़ाई की फिर से शुरुआत करनी पढ़ रही है।

-कोल्हान यूनिवर्सिटी ने स्टूडेंट्स हित को देखते हुए यह फैसला लिया है। कॉलेजों को इस संबंध में निर्देश दिए गए है। इसके लिए छात्रों से किसी तरह की एक्स्ट्रा फीस नहीं ली जायेगी।

-डॉ एके झा, प्रॉक्टर, केयू