-इंटरनेशनल स्टूडेंट डे को खास बनाने की कवायद

-यूजीसी ने सभी वाइस चांसलर्स को जारी किया आर्डर

-ताकि शिक्षित भारत सक्षम भारत का सपना हो पूरा

vikash.gupta@inext.co.in

ALLAHABAD: देश के एजुकेशन सिस्टम को लेकर लम्बे अरसे से चिंताजनक माहौल बना हुआ है। इंडिया की कोई भी यूनिवर्सिटी इंटरनेशनल लेवल पर टॉप दो सौ यूनिवर्सिटीस में शामिल नहीं है। देश में शिक्षा की नाजुक हालत को लेकर शिक्षाविद् तो चिंतित हैं ही, भारत के राष्ट्रपति तथा सेंट्रल यूनिवर्सिटीस के विजिटर भी इसे लेकर खासे गंभीर हैं। ऐसे में मोदी सरकार ने अपने छोटे से कार्यकाल में कुछ विशेष अवसरों पर जो अवेयरनेस कैम्पेन चलाया है। उसका अगला पड़ाव शिक्षा जगत की खामियों और उसकी मजबूती पर बेस होगा।

17 नवम्बर को होगा डिस्कशन

कंट्री में एजुकेशन सिस्टम को स्ट्रांग बनाने के लिए काफी कुछ किया जा रहा है। पैसा और संसाधान पानी की तरह बहाया जा रहा है। फिर भी हालात सुधरने का नाम नहीं ले रहे। यही कारण है कि हायर लेवल पर डिस्कशन के बाद एक ऐसा फैसला सामने आया है, जिससे काफी कुछ सम्भव हो सकता है। दरअसल, यूजीसी ने देश की सभी यूनिवर्सिटीस को आर्डर जारी करके आगामी 17 नवम्बर को इंटरनेशन स्टूडेंट डे पर खास तरह का आयोजन करने के लिए कहा है।

न्यू एजुकेशन पॉलिसी में मिलेगी हेल्प

यूजीसी की ओर से सभी वाइस चांसलर्स के नाम जारी किए गए आर्डर में कहा गया है कि वे इंटरनेशनल स्टूडेंट डे पर कैम्पस में शिक्षित भारत सक्षम भारत: क्वालिटी एजुकेशन फॉर आल थीम पर बेस डिस्कशन का आयोजन करें। जिसमें मास लेवल पर स्टूडेंट्स की गैदरिंग का होना जरूरी है। युवाओं को सीधे तौर पर इस डिस्कशन से जोड़ने का पर्पज होगा एजुकेशन सिस्टम की खामियों को ग्राउंड लेवल पर जाकर समझना और यूथ से मिले सुझावों के बेस पर न्यू एजुकेशन पॉलिसी को डेवलप करना।

पार्लियामेंट में बोलने का मिलेगा मौका

यह पूरा आयोजन सिर्फ डिस्कशन तक ही सीमित नहीं होगा बल्कि इसके लिए फूल प्रूफ प्लान तैयार किया गया है। कहा गया है कि इस प्रोग्राम को टीचर्स कोआर्डिनेट करेंगे। डिस्कशन के जरिए बाहर निकलकर आए सुझावों को गंभीरता के साथ जांचा और परखा जाए और फिर इसकी पूरी एक रिपोर्ट तैयार करके हायर बॉडी को भेजी जाए। इस पूरे प्रोग्राम से जुड़ी खास बात यह है कि इसमें सभी यूनिवर्सिटीस से किसी एक स्टूडेंट को चुना जाएगा। उसे न केवल मानव संसाधन विकास मंत्री स्मृति इरानी से मिलने का मौका मिलेगा बल्कि उसे पार्लियामेंट में एजुकेशन सब्जेक्ट पर बोलने का मौका भी मिलेगा।

युवाओं को जोड़ने का तीसरा मौका

महात्मा गांधी जयंती पर स्वच्छ भारत अभियान और सरदार बल्लभ भाई पटेल की जयंती पर राष्ट्रीय एकता दिवस के बाद यह मोदी सरकार की बड़ी पहल में से एक है। जिसे एक बार फिर यूथ पर बेस रखा गया है। इन आयोजनों से साफ हो गया है कि सरकार की मंशा युवाओं को सीधे तौर पर सामाजिक और आर्थिक सुधार से जोड़ने की है। शायद यही कारण है कि यूजीसी ने अपने आर्डर में एजुकेशन को राष्ट्र की उन्नति और गरीबी के विनाश के लिए सबसे शक्तिशाली हथियार बताया है।

Fact file

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- क्7 नवम्बर को मनाया जाएगा इंटरनेशनल स्टूडेंट डे

- शिक्षित भारत सक्षम भारत बनाने का लक्ष्य

- एजुकेशन सिस्टम में ग्राउंड लेवल से सुधार के लिए युवाओं को जोड़ने की कवायद

- सजेशन व आडियंस से डेवलप होगी न्यू एजुकेशन पॉलिसी

- राष्ट्र की उन्नति व गरीबी के खात्मे के लिए कारगर होगा यह कदम

- चुने गए स्टूडेंट की एमएचआरडी मिनिस्टर से होगी मुलाकात, पार्लियामेंट में बोलने का मिलेगा मौका