कमेटी बनाकर ऑनलाइन करें लिस्ट
यूनिवर्सिटी ग्रांट कमीशन की डिप्टी सेक्रेटरी नीलम चोपड़ा द्वारा भेजे गए लेटर में रैगिंग को रोकने के लिए कमेटी बनाने की बात कही गई है। साथ ही यह भी निर्देश दिए गए हैं कि कमेटी के नोडल ऑफिसर का नाम, उसका मोबाइल नंबर और ई-मेल आईडी को अपने इंस्टीट्यूशन की वेबसाइट पर अपलोड करने की बात कही गई है। उन्होंने 21 अक्टूबर 2009 में यूजीसी द्वारा रैगिंग को लेकर बनाए गए रूल को सख्ती से फॉलो करने की बात कही गई है।

क्या है त्रष्ट की रूलिंग
एंटी रैगिंग सेल का गठन करने के बाद उसके सभी मेम्बर्स के कांटेक्ट नंबर्स को इंस्टीट्यूट की वेबसाइट पर अवलेबल कराना होता है। इसके अलावा इंस्टीट्यूट अपने कैंपस में भी इन नंबर्स को डिफरेंट प्लेसेज पर डिस्प्ले करता है। अगर किसी स्टूडेंट के साथ रैगिंग जैसी घटना होती है तो वह सीधे इन नंबर्स पर कम्प्लेंट कर सकता है। इसके बाद कमेटी को मामले की जांच कर आगे की कार्रवाई करनी होती है। लेकिन बीते सालों में यूनिवर्सिटी की वेबसाइट पर तो दूर यूनिवर्सिटी कैंपस में स्टूडेंट्स को रैगिंग से रिलेटेड हिदायत देने तक के लिए कोई बोर्ड नहीं लगाए गए थे।

यूनिवर्सिटी में एंटी रैगिंग सेल है जरूरी
एंटी रैगिंग सेल को यूनिवर्सिटी और कॉलेजेज हल्के में ले लेते हैं, लेकिन यूनिवर्सिटी के लिए एंटी रैगिंग सेल बेहद जरूरी है। लास्ट इयर जबसे स्टूडेंट्स यूनियन इलेक्शन की शुरुआत हुई है तो रैगिंग के रिस्क और भी ज्यादा बढ़ गए हैं। अगर यूनिवर्सिटी सिर्फ इसलिए इसमें कोताही बरत रहा है कि अभी तक रैगिंग की कोई शिकायत नहीं आई है तो यह इसकी सबसे बड़ी भूल है। क्योंकि स्टूडेंट्स यूनियन इलेक्शन अनाउंस होते ही यूनिवर्सिटी का माहौल पहले जैसा नहीं रहा। अब यूनिवर्सिटी में ऐसे लोग भी एंट्री कर रहे हैं जोकि यूनिवर्सिटी के स्टूडेंट्स नहीं है। ऐसे में अगर वह यहां के स्टूडेंट्स के साथ कुछ गड़बड़ी कर दें तो इन स्टूडेंट्स को सेफ करने वाला कोई न होगा।

मंडे को हुए दो मामले
डीडीयू गोरखपुर यूनिवर्सिटी में मंडे को दो घटनाएं सामने आईं। इसमें पहली घटना में मार्निंग करीब 10 बजे यूनिवर्सिटी कैंपस में यूनिवर्सिटी की गर्ल के साथ छेड़खानी की गई। वहीं कुशीनगर की एक गर्ल के साथ कैंपस में दोपहर करीब 12 बजे पॉलिटिकल साइंस डिपार्टमेंट के सामने छेड़खानी की घटना हुई। वहीं सेशन 2010-11 में रैगिंग से रिलेटेड दो मामले सामने आए थे। एक मामले में सेशन की शुरुआत में आर्ट्स फैकल्टी के रुम नंबर 144 में कुछ स्टूडेंट्स ने क्लास के अंदर जाकर गर्ल्स से बदतमीजी की थी, शिकायत के बाद डीडीयू के प्रॉक्टोरियल बोर्ड ने कुछ सख्ती की थी और उसके बाद यह बंद हो सका था। इसके अलावा ग्रेजुएशन साइंस के एक स्टूडेंट ने कैंट थाने में यह तहरीर थी कि कि कुछ सीनियर्स ने उनके साथ रैगिंग का प्रयास किया। एक ही सेशन में दो बड़े मामले आने के बाद भी उस सेशन में सेल का गठन नहीं किया गया था।

 

report by : syedsaim.rauf@inext.co.in