यूजीसी ने सरकारी व अ‌र्द्धसरकारी एजेंसियों को भी सौंपी ग्रेडिंग की कमान

पहले केवल नैक और एनएबी ही करती थी ग्रेडिंग देने का काम

Meerut. यूजीसी ने अब ग्रेडिंग सिस्टम को लेकर नया बदलाव किया है. जिसके तहत अब देशभर की यूनिवर्सिटीज व कॉलेजों सहित शिक्षण संस्थानों को केवल नेशनल एसेसमेंट एंड एक्रीडिएशन काउंसिल) (नैक) ही ग्रेडिंग नहीं देगा. बल्कि यूजीसी ने ग्रेडिंग के लिए सरकारी और अ‌र्द्धसरकारी एजेंसियों को भी हरी झंडी दे दी है. ये सभी एजेंसी एसेसमेंट एडवाइजर काउंसिल (एएसी) के निर्देशन में काम करेंगी. काउंसिल में विशिष्ट शिक्षाविद्, उच्चतर शिक्षा, एसेसमेंट एवं एक्रीडिएशन क्षेत्र के 10 विशेषज्ञ मिलकर इसकी जिम्मेदारी संभालेंगे. काउंसिल ही एसेसमेंट और एक्रीडिएशन एजेंसियों के लिए नियम और मानक तय करते हुए उनकी निगरानी करेगी.

केवल नैक नहीं देगी ग्रेडिंग

यूजीसी ने 'रिकॉगनाइजेशन एंड मॉनिटिरिंग ऑफ असेसमेंट एंड एक्रीडिएशन एजेंसीज रेगुलेशन' को लागू कर दिया है. अभी तक देश में यूनिवर्सिटीज और कॉलेजों के लिए नैक तथा नेशनल बोर्ड ऑफ एक्रीडिएशन (एनबीए) ही ग्रेडिंग करती है. मगर भविष्य में इन दोनों संस्थानों के साथ ही अन्य सरकारी और अ‌र्द्धसरकारी एजेंसियां भी मानकों के आधार पर ग्रेडिंग देंगी. यूजीसी के अनुसार उच्च शिक्षा संस्थानों की ग्रेडिंग की जरुरतों को पूरा करने के लिए ये नई व्यवस्था लागू की जा रही है.

नई व्यवस्था में ऐसे होगी ग्रेडिंग

10 विशेषज्ञ सदस्यों वाली एएसी गठित होगी, जो एक्रीडिएशन एंड एसेसमेंट एजेंसी (एएए) गठित करेगी.

एएए में सरकारी और अ‌र्द्धसरकारी एजेंसियां शामिल होंगी. ये नैक एवं एनबीए से अलग होंगी.

एएसी ही एएए के चयन हेतु पारदर्शी व्यवस्था तैयार करेगी. पंजीकृत एजेंसियां केवल दो वर्ष के लिए ही मान्य होंगी.

यदि एएए मानकों का उल्लंघन करती है अथवा गलत ग्रेडिंग करती हैं तो उसका पंजीकरण निरस्त कर दिया जाएगा.

ग्रेडिंग के लिए संस्थान आवेदन के साथ निर्धारित शुल्क जमा करेगा, ग्रेडिंग 90 दिन के भीतर ही की जाएगी.

एएए के लेखा नियंत्रक महालेखा परीक्षक के अधीन काम करेंगे.

एएसी, एएए को प्राप्त शुल्क की जांच करेगी और आयोग को अनुमोदन के लिए भेजेगी.

कोई भी कॉलेज, यूनिवर्सिटी या उच्च शिक्षा संस्थान आवेदन के वक्त तीन एएए के नाम देगा.

आयोग ऐसा तंत्र विकसित करेगा, जिसमें प्राप्त शुल्क केंद्रीय पूल में संग्रहित किया जाएगा. इससे संस्थान एवं एजेंसी में संबंध खत्म हो जाएगा.

यदि एएए भ्रष्टाचार में लिप्त मिलती है तो उसे आजीवन के लिए डिबार किया जाएगा. ऐसी एजेंसियों के नाम सार्वजनिक भी किए जाएंगे.

अब ग्रेडिंग सिस्टम में बदलाव हुआ है. नए सत्र में जो निरीक्षण होंगे वो नए बदलाव के आधार पर होंगे.

प्रो. वाई विमला, प्रोवीसी, सीसीएसयू