--UGC रैगिंग की घटनाओं का कारण यूनिवर्सिटीज व कॉलेजेज में बनी एंटी रैगिंग कमेटियों की निष्क्रियता को मान रही

-यूनिवर्सिटी ग्रांट कमिशन के एंटी रैगिंग हेल्पलाइन पर भी सीधे कम्प्लेन

VARANASI

रैगिंग रोकने के नाम पर अब खानापूर्ति नहीं चलेगी। हालात चेंज करने के लिए यूजीसी और सख्ती बरतने की तैयारी में है। जो संस्थान रैगिंग को दबाने की कोशिश करेंगे, उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई होगी। यूजीसी रैगिंग की घटनाएं जारी रहने का कारण यूनिवर्सिटीज व कॉलेजेज में बनी एंटी रैगिंग कमेटियों की निष्क्रियता को मान रही है। हालांकि रैगिंग पर लगाम कसने के लिए यूनिवर्सिटी ग्रांट कमिशन ने ख्009 में एंटी रैगिंग हेल्पलाइन भी स्टार्ट किया था। लेकिन यूनिवर्सिटी व कॉलेज सिर्फ कमेटी बनाकर और स्टूडेंट्स से फॉर्म भरवाकर जिम्मेदारी से मुक्त हो जाते हैं। पर अब रैगिंग रोकने के लिए नियम-कानून का पालन यूनिवर्सिटीज व कॉलेजेज को कराना ही होगा।

अभी नहीं बनी कमेटी

महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ, यूपी कॉलेज, हरिश्चंद्र पीजी कॉलेज, श्री अग्रसेन महिला पीजी कॉलेज से लेकर अन्य कॉलेजेज में एडमिशन प्रॉसेस लगभग पूरा हो चुका है। लेकिन रैगिंग रोकने के लिए अभी तक इन कैंपस में कमेटी का गठन नहीं हो पाया है। यूनिवर्सिटी व कॉलेज रैगिंग को लेकर कितने गंभीर है इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है। जबकि नया सेशन स्टार्ट होने के साथ ही कैंपस में एंटी रैगिंग कमेटी का गठन हो जाना चाहिए। पर ऐसा कब होगा यह बताना मुश्किल है।

ऐसे रोकना है रैगिंग

यूनिवर्सिटी व कॉलेज की जिम्मेदारी एडमिशन लेने वाले प्रत्येक स्टूडेंट व उनके गार्जियंस से निश्चित फॉर्मेट पर शपथ लेना है। एंटी रैगिंग कमेटी व एंटी रैगिंग स्क्वाड का गठन करना। यही नहीं कमेटी में मेंबर्स के नाम व मोबाइल नंबर्स की लिस्ट नोटिस बोर्ड पर चिपकाना है। हॉस्टल का औचक निरीक्षण करना। रैगिंग की शिकायत मिलते ही शिकायतकर्ता को सिक्योरिटी मुहैया कराना। घटना के ख्ब् घंटे के अंदर रैगिंग की एफआईआर दर्ज कराना।

भरवाया गया एंटी रैगिंग फॉर्म

महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ यूनिवर्सिटी की बात करें तो यहां यूजीसी द्वारा जारी दिशा निर्देश का पालन पूरी तरह से किया जाता है। चीफ प्रॉक्टर प्रो। शंभू उपाध्याय ने बताया कि एडमिशन के दौरान प्रत्येक स्टूडेंट से एंटी रैगिंग का फॉर्म भरवाया जा रहा है। रैगिंग को कैंपस में रोकने के लिए यूनिवर्सिटी का प्रॉक्ट्रोरियल बोर्ड भी कार्य करता है। बताया कि पिछले कई सालों से विद्यापीठ में रैगिंग के मामले नहीं आये हैं। आज तक किसी स्टूडेंट ने कम्प्लेन भी दर्ज नहीं कराया है। रही बात कमेटी की तो जल्द ही इसका गठन हो जाएगा।