6 घंटे क्लास में पढ़ाना होगा अनिवार्य

8 पीरियड कॉलेज में होती है पढ़ाई

4 पीरियड लेना होगा एक टीचर्स को

45 मिनट का होता है एक पीरियड

6 घंटे न पढ़ाने पर होगी कार्रवाई

यूजीसी के निर्देश के बाद यूनिवर्सिटी ने कॉलेजों को दिए निर्देश

दो कॉलेजों के अलावा किसी और कॉलेज में नहीं आयोजित हुई बैठक

Meerut। अब कॉलेजों व यूनिवर्सिटीज में पढ़ाने वाले हर टीचर्स को हर हाल में छह घंटे पढ़ाना होगा। इसके तहत यूजीसी ने यूनिवर्सिटीज व कॉलेजों के हर श्रेणी के टीचर के लिए सख्त निर्देश जारी किए है। इस निर्देश को लेकर सभी कॉलेज व यूनिवर्सिटीज को मीटिंग करने का भी निर्णय दिया था। लेकिन सिटी के दो कॉलेजों के अलावा किसी भी कालेज ने इस मुद्दे पर अभी तक मीटिंग नहीं की है, उधर यूनिवर्सिटी ने भी अब इस संबंध में भी कॉलेजों को सख्त निर्देश दिए है।

गुणवत्ता सुधारने का प्रयास

एनएएस कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ। वीपी राकेश एवं मेरठ कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ। आभा चंद्रा ने ही अभी तक इस संबंध में मीटिंग लेकर सभी शिक्षकों व प्रोफेसर्स से इस विषय पर चर्चा की है, जिसमें उपस्थित सदस्यों को यूजीसी व सीसीएसयू के नियमानुसार छह घंटे पढ़ाने का निर्देश दिया है। इनके अलावा किसी भी कॉलेज में इस पर कोई विचार-विमर्श नहीं किया गया है। बता दें कि शिक्षा की गुणवत्ता को सुधारने के लिए ही ऐसा किया जा रहा है। क्योंकि यूजीसी ने साफ कर दिया है कि अगर यूजीसी के नियमों को कड़ाई पालन नहीं किया तो लापरवाही बर्दाश्त नहीं होगी।

होगा औचक निरीक्षण

कॉलेजों के प्रिंसिपल को इस संबंध में यूजीसी ने मुहिम चलाने के लिए भी कहा है, इसके तहत औचक निरीक्षण करने के लिए कहा गया है कि क्लास में प्रिंसिपल्स औचक निरीक्षण भी करेंगे, अगर निरीक्षण के दौरान किसी की बिना सूचना के अनुपस्थिति मिलती है तो उसके विरुद्ध नियमानुसार कड़ी कार्रवाई की जाएगी, जिसके लिए संबंधित शिक्षक की स्वयं की जिम्मेदारी होगी।

पहले से ही करते हैं काम

कॉलेज भी इस नियम के अनुसार मीटिंग करने से बचने के लिए सिर्फ यही बोल रहे हैं कि उनके यहां तो ये नियम पहले से ही चल रहा है, टीचर्स पहले से ही पूरा समय दे रहे है, इसलिए उनको मीटिंग कराने की अधिक आवश्यकता नही है, उधर सीसीएसयू के अनुसार सभी कॉलेजों को सख्त निर्देश दे दिए गए है कि वो जल्द से जल्द यूजीसी के नियमों का पालन करे।

तीन घंटे लेते है क्लास

जानकारी में डाल दें कि कॉलेजों में कम से कम चार ही पीरियड हर एक शिक्षक के हिस्से में आता है, एक पीरियड 45 मिनट का होता है, जिसके अनुसार 180 मिनट यानी तीन ही घंटे पढ़ाई कराते हैं, इसके अलावा बचे हुए तीन घंटे शिक्षकों को शैक्षिक सुधार में लगाने के लिए दिए गए है, जैसे कमजोर स्टूडेंट्स को एक्स्ट्रा क्लास देना, रिसर्च करना, नई शिक्षण पद्वति में सहयोग, कैसे शिक्षा को सुधारे इसके प्रयास करना आदि।

हमारे यहां अभी कोई निर्देश नहीं आया है, अगर शासन का कोई हाल फिलहाल में निर्देश आता है तो इसको माना जाएगा, नए सत्र में मैनेजमेंट की मीटिंग की जाएगी, जिसमें छह घंटे वाला नियम शेयर किया जाएगा।

डॉ। अर्चना शर्मा, प्रिंसिपल, आरजी पीजी कॉलेज

यूजीसी के नियमानुसार शिक्षा के सुधार के लिए ऐसा किया जा रहा है। शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार करने के लिए शिक्षकों को अधिकाधिक प्रयास करने के लिए ही निर्देशित किया गया है। हमारे यहां इसकी मीटिंग भी हुई थी।

डॉ। वीपी राकेश, प्रिंसिपल, एनएएस कॉलेज

कॉलेज में मीटिंग तो नहीं हुई, लेकिन इस नियम के अनुसार तो पहले से ही हमारे टीचर्स चल रहे हैं, इतना समय तो वैसे भी टीचर्स कॉलेज में रहते हैं।

डॉ। नीलिमा गुप्ता, प्रिंसिपल, इस्माईल कॉलेज

इस संबंध में मीटिंग नही हुई है, क्योंकि हमारे यहां ऑल रेडी ही टीचर्स इतने समय रहते है, पीरियड में पढ़ाने के अलावा बचे हुए समय में टीचर्स वो रिसर्च व अन्य काम संभालते हैं।

डॉ। संध्या रानी, प्रिंसिपल, शहीद मंगल पांडे कॉलेज