Bank processing जैसा

किसी दूसरे व्यक्ति के लिए अपनी यूआईडी की गारंटी देना बैंक में एकाउंट खोलने से पहले गारंटर का इंट्रोडक्शन देने जैसा है। क्योंकि बैंक भी ऐसे एप्लीकेंट्स का एकाउंट ओपन करने को प्रायोरिटी देते हैं। जिनके एप्लीकेशन फॉर्म पर एक्जिस्टिंग एकाउंट होल्डर की गारंटी लगी होती है। ऐसी ही कुछ व्यवस्था आइडेंटिटी ‘आधार’ कार्ड होल्डर के लिए भी की गई है। जिसके तहत किसी दूसरे व्यक्ति का यूनिक आईडी बनवाने के लिए एक्जिस्टिंग यूआईडी होल्डर अपने नंबर की गारंटी दे सकता है।

यह है वजह

दरअसल, यूआईडी बनवाने के लिए आपको अपना रेसीडेंस या एड्रेस प्रूफ जमा करना पड़ता है। इसके अलावा आपकी रेटिना की स्कैनिंग के साथ-साथ आपके फिंगर प्रिंट्स भी लिए जाते हैं। मगर, कई लोगों के पास ना तो रेसीडेंस प्रूफ है और न ही एड्रेस प्रूफ। ऐसी दशा में इन लोगों का यूआईडी बन पाना नामुमकिन होगा। कानपुर में यूआईडी बनाने वाली संस्था स्मार्ट चिप कम्पनी के हेड विकास दीक्षित ने बताया कि इन्हीं सब परेशानियों के मद्देनजर यूआईडी को

बतौर गारंटी में इस्तेमाल लाने की कवायद की गई है।

इनकी है जरूरत

पासपोर्ट, पैनकार्ड, राशन कार्ड, वोटर आईडी कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस, सरकारी आईडी कार्ड, एमजी रोजगार गारंटी कार्ड, मान्यताप्राप्त शिक्षण संस्थान द्वारा जारी

फोटो आईडी कार्ड, शस्त्र लाइसेंस, बैंक एटीएम कार्ड, क्रेडिट कार्ड, पेंशनर कार्ड, स्वतंत्रता सेनानी कार्ड, किसान पासबुक, सीजीएचएस-ईसीएचएस कार्ड, डाक विभाग द्वारा जारी आवास प्रमाण पत्र, लेटर हेड पर ए-वर्ग के गैजेटेड अफसर द्वारा जारी पहचान प्रमाण पत्र।

ये भी हैं उपयोगी

बिजली का बिल, पानी का बिल, टेलीफोन लैंडलाइन बिल, संपत्ति कर रसीद, क्रेडिट कार्ड स्टेटमेंट, बीमा पॉलिसी, लेटरहेड पर बैंक द्वारा जारी सिग्नेचर लेटर (फोटो के साथ), लेटरहैड पर रजिस्टर्ड कम्पनी द्वारा जारी हस्ताक्षरित पत्र, किसान पासबुक, सीजीएचएस-ईसीएचएस कार्ड, वाहन रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट, रजिस्टर्ड सेल-लीज-रेंट-एग्रीमेंट, राज्य सरकार द्वारा जाति एवं जारी जाति एवं अधिवास प्रमाण पत्र.