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केस 1

मीरगंज की रहने वाली हाउस वाइफ रेखा रानी ने एक वर्ष पहले उज्ज्वला के तहत गैस कनेक्शन लिया था। इस दौरान इन्होंने दो बार ही गैस की रीफिलिंग कराई। इन्होंने बताया कि गैस काफी महंगा पड़ता है। बजट इतना नहीं है कि वह बार-बार गैस रीफिलिंग करा सके। लिहाजा, वह ज्यादातर उपले या कोयले से ही खाना बनाती है। कोई मेहमान आ गया तभी गैस पर चाय बना लेती हैं।

केस 2

कुछ ऐसी ही स्थिति दलपतपुर की रहने वाली वीरावती की है। 14 केजी वाला गैस भरा पाने में असमर्थ हैं। 5 केजी वाले सिलिंडर से एक्सचेंज करने की योजना के बारे में जानकारी है, लेकिन वह नहीं बदल रही है। वीरावती कहती हैं कि खाना बनाने का काम किसी तरह लकड़ी और उपले से चल जाता है। गैस भराने की दिक्कत और रुपए की कमी आड़े आता है। इस वजह से वह उज्ज्वला योजना में मिले गैस पर खाना बनाने से बचती हैं।

फैक्ट फाइल

1.50 लाख गैस कनेक्शन बांटे गए थे उज्ज्वला के तहत

01 फीसदी ने भी नहीं किया 5 केजी के सिलिंडर से रिप्लेस के लिए अप्लाई

809 रुपए है 14 केजी वाले सिलिंडर की रिफिलिंग प्राइस

300 रुपए हैं छोटे सिलिंडर की रीफिलिंग प्राइस

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क्चन्क्त्रश्वढ्ढरुरुङ्घ: सरकार ने महिलाओं की किचन की दुनिया में उजाला भरने के लिए उज्ज्वला योजना शुरू की थी। इस योजना के तहत जिले में 1.5 लाख लोगों को गैस कनेक्शन बांटे गए। लेकिन इसके बावजूद महिलाओं की जिंदगी से अंधेरा दूर नहीं हो सका। वजह, गैस सिलिंडर रीफिल कराने के लिए बजट का अभाव। इस समस्या को दूर करने के लिए एलपीजी कंपनियों ने 5 केजी के छोटे सिलिंडर से कनेक्शन एक्सचेंज करने की व्यवस्था लागू की है। लेकिन इसमें भी बावजूद मामला सिफर है। बड़ी तादाद में लोग खाना बनाने के लिए लकड़ी या उपले पर ही निर्भर हैं।

1.50 लाख तक बांटे गए हैं कनेक्शन

सरकार ने 1 मई 2016 को उज्ज्वला योजना लांच की थी। योजना के तहत जिले में धड़ल्ले से गैस कनेक्शन बांटे गए। आईओसी, बीपीसी और एचपीसी ने अभी तक 1.50 निशुल्क गैस कनेक्शन योजना के अंतर्गत बांट चुके हैं। लेकिन गैस के बढ़ते दाम ने लोगों को दोबारा से गैस से दूर कर उपले और कोयले पर ला दिया है।

1 फीसदी ने भी नहीं किया एक्सचेंज

हलांकि, कंपनियों ने राहत देते हुए तीन महीने पहले योजना के लाभार्थियों को 5 केजी के घरेलू सिलिंडर से एक्सचेंज करने की सुविधा शुरू की थी। यह उम्मीद थी कि 5 केजी के सिलिंडर रीफिलिंग की कास्ट कम पड़ेगी तो लोग जुड़ेंगे। लेकिन यह व्यवस्था भी काम नहीं आई। 1.50 लाख लोगों से 1 फीसदी लोगों ने भी गैस कनेक्शन को एक्सचेंज नहीं किया। वह छोटे सिलिंडर पर भी 300 रुपए खर्च करने को तैयार नहीं हैं।

वर्जन

उज्ज्वला योजना के लाभार्थियों को 5 केजी वाले गैस कनेक्शन से एक्सचेंज की सुविधा दी जा रही है। अभी तक मेरे पास एक भी ऐसे लोग नहीं आए।

राजेश गुप्ता, प्रोपराइटर, गैस एजेंसी

गैस रिफिलिंग कराने वालों की संख्या बेहत कम है। योजना के तहत जो गैस दिए गये थे कई लोगों ने तो उसके बाद रिफिलिंग ही नहीं कराया।

उत्कर्ष भारद्वाज, प्रोपराइटर, गैस एजेंसी