- केंद्र सरकार की सेमी एजेंसी यूएमटीसी को डाटा बैंक तैयार करने की जिम्मेदारी

- मेट्रो कॉर्पोरेशन के अस्तित्व में आने के बाद पहली बार आयोजित हो रही सीएमपी बैठक

>DEHRADUN: उत्तराखंड मेट्रो के सपने साकार होते दिख रहे हैं। जहां डीएमआरसी अपनी 800 पेज की फाइनल डीपीआर तैयार करने पर जुटी हुई है। वहीं अब सीएमपी (कॉप्रिहेंसिवमोबिलिटी प्लानन) पर तैयारियां शुरू हो चुकी हैं। बकायदा इस बावत आज उत्तराखंड मेट्रो कॉर्पोरेशन के मुख्यालय पर सीएमपी की बैठक बुलाई गई है। इस बैठक में तीनों निगमों सहित 12 विभागों को आमंत्रित किया गया है। जिसमें मेट्रो की उपयोगिता सहित तमाम पहलुओं पर डाटा बैंक तैयार किया जाएगा। इसकी जिम्मेदारी केंद्र सरकार की रजिस्टर्ड कंपनी अरबन मास ट्रांजिट कंपनी (यूएमटीसी) को दी गई है।

डीएमआरसी की फाइनल डीपीआर का इंतजार

उत्तराखंड मेट्रो को लेकर डीपीआर तैयार हो चुकी है। दिल्ली मेट्रो कॉर्पोरेशन ने 800 पन्नों की डीपीआर पहले ही तैयार कर दी है, लेकिन अब सरकार के कुछ सुझाव शामिल होने हैं। इसके बाद अब फाइनल प्रिंट होकर डीपीआर राज्य सरकार के पास जल्द पहुंच जाएगी। दूसरी तरफ लगातार कॉर्पोरेशन में भर्तियों का दौर जारी है। तीन डॉयरेक्टरों के अलावा करीब तीन जीएम की भर्तियां भी होनी है। इस माह 23 जनवरी को बोर्ड की बैठक होनी थी, लेकिन चीफ सेक्रेटरी की मौजूदगी न होने के कारण फिलहाल बैठक अब दो फरवरी को होनी प्रस्तावित है। जिसमें डॉयरेक्टरों व जीएम के पदों को मंजूरी मिलने के साथ ही कॉर्पोरेशन के ऑफिस शिफ्ट किए जाने को मंजूरी मिलने की उम्मीद है।

सिटी बस यूनियन को भी बैठक में न्यौता

मेट्रो कॉर्पोरेशन की आज सीएमपी की बैठक होनी है। सीएमपी की यह पहली बैठक आयोजित की जा रही है। जिसमें मेट्रो की उपयोगिता से जुड़े तमाम सुझाव आमंत्रित किए जाने के साथ ही जियोग्राफिकल सर्वे जैसे मुद्दों पर चर्चा होगी। सीएमपी की बैठक में देहरादून, हरिद्वार नगर निगमों के अलावा ऋषिकेश नगर पालिकाओं को भी आमंत्रित किया गया है। जबकि आरटीओ, सिटी बस यूनियन, पीडब्ल्यूडी, नगर विकास, ट्रैफिक पुलिस, दून पुलिस, उत्तराखंड परिवहन, तीनों विकास प्राधिकरणों को मिलाकर 12 सरकारी विभागों व गैर सरकारी यूनियनों को बुलाया गया है। बताया गया है कि इस बैठक में रबन मास ट्रांजिट कंपनी (यूएमटीसी) से मिलने वाले सुझावों के बाद अपना डाटा तैयार करेगी। यूएमटीसी केंद्र सरकार की सेमी कंपनी है, जो इस प्रकार के प्रोजेक्ट्स पर सर्वे डाटा तैयार करती है। उत्तराखंड मेट्रो का भी यूएमटीसी को डाटा तैयार करने का जिम्मा सौंपा गया है।