पुलिस स्टेशन में ही पेशी

जेएनयू कैंपस में देशविरोधी नारेबाजी के मुख्य आरोपी उमर खालिद और अनिर्बान भट्टाचार्य की तीन दिन की पुलिस हिरासत आज खत्म हो रही है। सुरक्षा वजहों से इन दोनों को आज कोर्ट की बजाय पुलिस स्टेशन में ही जज के सामने पेश किया जाना है। कन्हैया कुमार पर पटियाला हाउस कोर्ट में हमले के बाद ऐहतियातन ऐसा किया जा रहा है। मंगलवार को देर रात उमर और अनिर्बान ने पुलिस के सामने सरेंडर किया था। देशद्रोह का आरोप झेल रहे जेएनयू छात्र उमर ख़ालिद और अनिर्बन भट्टाचार्य से अलग अलग कमरों में पूछताछ की गई है। वहीं जेएनयू छात्रसंघ अध्यक्ष कन्हैया की न्यायिक हिरासत 2 मार्च को खत्म होगी। इससे पहले दिल्ली पुलिस के जांच अधिकारियों ने तीनों से एक साथ पूछताछ की।

नारों के बारे में थे अनजान

कन्हैया ने कहा कि जिस समय प्रशासनिक भवन के पास कार्यक्रम चल रहा था वो अपने कमरे में था। गार्ड के कहने पर वो कमरे से बाहर आया और आयोजन स्थल पर पहुंचा। वहीं उमर खालिद ने कहा कि कार्यक्रम के दौरान भारत विरोधी नारेबाजी हो रही थी लेकिन वो नारे नहीं लगा रहा था। नारेबाजी करने वालों की पहचान के बारे में कोई जानकारी नहीं है। उस मामले में एक और आरोपी ने अनिर्बान ने कहा कि उसे ये नहीं पता कि जिस तरह की नारेबाजी की जा रही थी। उसमें भारत के खिलाफ कुछ कहा जा रहा था।

अफजल गुरू के समर्थन मामले में फंसे

गौरतलब है कि 9 फरवरी को जेएनयू कैंपस में कल्चरल प्रोग्राम के नाम पर संसद हमले में फांसी की सजा पा चुके अफजल गुरु की बरसी मनायी जा रही थी। उमर और उसके पांच सहयोगियों ने भारत विरोधी नारों को बुलंद किया था। मामले की शिकायत के बाद दिल्ली पुलिस ने कन्हैया कुमार को हिरासत में ले लिया था। लेकिन खालिदे के साथ उसके समर्थक फरार थे। फरारी के दौरान पुलिस कार्रवाई से बचने के लिए खालिद हरसंभव कोशिश कर रहा था। लेकिन दिल्ली हाइकोर्ट की सख्ती के बाद उसे सरेंडर करना पड़ा।

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