-नकटिया तक पहुंचा खजुरिया कांवड़ यात्रा का बवाल, हथियार लेकर निकले थे दोनों पक्ष

-पुलिस फोर्स ने मौके पर पहुंचकर संभाला मोर्चा, हालात तनावपूर्ण

BAREILLY: उमरिया सैदपुर के रास्ते खजुरिया ब्रहम्नान के कांवडि़यों को निकालने का विवाद गुरुवार दोपहर फिर से गरमा गया। विधायक पप्पू भरतौल के साथ में हिंदू संगठन के लोग खजुरिया में कांवड़ निकालने के लिए पहुंचे कि उमरिया में इसकी खबर फैल गई। देखते ही देखते हालात तनावपूर्ण हो गए और चंद मिनट में उमरिया के लोग हथियार लेकर सड़क पर आ गए। अभी यहां फोर्स पहुंची ही थी कि विवाद नकटिया तक जा पहुंचा। यहां हाइवे के दोनों ओर दो पक्षों के लोग आमने-सामने आ गए। कुछ देर यदि पुलिस न पहुंचती तो हालात बेकाबू हो सकते थे। पूरे इलाके में फोर्स तैनात कर दी गई है। लोगों को पुलिस ने खदेड़ दिया है। करीब 10 किलोमीटर के एरिया में स्थिति तनावपूर्ण बनी हुई है और अधिकारी मौके पर हालात का जायजा ले रहे हैं।

प्रशासन की नरमी से बढ़ी गर्मी

प्रशासन ने रविवार को गर्म रुख अपनाया था, लेकिन उसके बाद ढीला पड़ गया। नतीजा यह हुआ कि गुरुवार को मामला फिर सुलग उठा। प्रशासन की सहमति के आधार पर ही हिंदू संगठन के लोग खजुरिया पहुंचे और कांवड़ तैयार की। उनके साथ विधायक भी पहुंचे थे लेकिन वह तुरंत वहां से निकल गए। खबर मिलते ही उमरिया में दो स्कूटी सवार लोग निकले और कहते हुए चले गए कि कांवड़ निकल रही है, सभी लोग हथियार लेकर आ जाएं। उसके बाद तो घरों से पुरुष, महिलाएं और बच्चे सभी लाठी, डंडे, तमंचे व लोहे के हथियार लेकर सड़क पर आ गए और खजुरिया की तरफ एंट्री प्वाइंट पर खड़े हो गए। धार्मिक स्थल से भी ऐलान कर दिया गया। माहौल खराब होता देख कांवड़ यात्रा नहीं शुरू हो सकी।

हथियारों के दम पर कांवड़ रोकी

इधर जैसे ही नकटिया के लोगों को पता चला कि उमरिया के लोगों ने हथियारों के दम पर कांवड़ यात्रा को रोक दिया है तो इधर भी लोग हथियार लेकर घरों से निकल आए। कुछ देर में ही पूरी मार्केट बंद हो गई। उसके बाद एक तरफ से नकटिया और दूसरी तरफ से उमरिया के लोग आमने-सामने हो गए। दोनों ओर से नारेबाजी शुरू हो गई। जैसे ही इसकी भनक खजुरिया में मौजूद कैंट पुलिस को लगी तो तुरंत चौकी इंचार्ज जितेंद्र प्रसाद पहुंचे और फिर लोगों को खदेड़ना शुरू कर दिया। कुछ देर में कैंट इंस्पेक्टर और आसपास के थानों की फोर्स पहुंची और दोनों ओर लोगों को लाठियां भांजकर खदेड़ दिया और कांवड़ यात्रा को रोक ि1दया गया।

12 अगस्त से चल रहा विवाद

गौरतलब है कि 12 अगस्त को खजुरिया के कांवडि़यों ने उमरिया से निकलने की कोशिश की थी। इसके बाद उमरिया के लोगों ने विरोध कर दिया था। कई घंटे की जद्दोजहद के बाद भी कांवडि़ये नहीं निकले थे। दूसरे दिन इस मामले में विधायक पप्पू भरतौल कूद गए थे और फिर उन्होंने अगले रविवार यानी 19 अगस्त को कांवड़ निकालने का ऐलान कर दिया था। 19 अगस्त को विवाद न हो इसके लिए प्रशासन ने गांव में फोर्स लगा दी थी और विधायक को कार्यालय में दो दिन तक नजरबंद रखा था। जिसके बाद कांवड़ यात्रा न निकलने के विरोध में हिंदू संगठन आ गए थे और फिर दामोदर पार्क पर धरना दिया गया था। इस धरने के बाद प्रशासन ने रुख बदला था।

अघोषित कफ्र्यू जैसे हालात

खजुरिया, उमरिया और नकटिया में अघोषित कफ्र्यू जैसे हालात हो गए हैं। बवाल की सूचना पर सभी दुकानें बंद हो गई हैं और लोग इकट्ठा हो गए हैं। अफवाहों का दौर भी चल रहा है। डीएम-एसएसपी ने अफवाहों पर ध्यान न देने की बात कही है।

फिर फेल हुइर् एलआईयू

मामला जिस तरह बिगड़ा है उसे देखकर कह सकते हैं कि एक बार फिर से एलआईयू फेल हो गई है। एलआईयू को भनक तक नहीं लगी कि दोनों ओर माहौल इतना गर्म है। सादी वर्दी में गांव में घूम रही एसपी क्राइम की टीम ने सही समय पर सूचना दे दी नहीं तो बड़ा बवाल हो जाता था।

वर्जन

खजुरिया में कुछ लोग कांवड़ निकालने के लिए पहुंचे थे। अचानक अफवाह फैल गई, जिसके चलते लोग इकट्ठा हो गए। सभी एरिया में फोर्स तैनात कर दी गई है। आगे भी फोर्स का मूवमेंट रहेगा। किसी तरह का विवाद नहीं होने दिया जाएगा।

-वीरेंद्र कुमार सिंह, डीएम बरेली