-पीने के पानी को परेशान रहे शिवभक्त, जगह-जगह उखड़ी सड़क बढ़ा रही परेशानी

Meerut : श्रावण माह के दिन जैसे-जैसे बीत रहे हैं, वैसे ही हरिद्वार से जल लेकर कांवडि़यों के जत्थे भी आने शुरू हो गए हैं। भगवा रंग से कांवड़-नहर पटरी रंगने लगी है।

शिवरात्रि का पर्व ख्भ् जुलाई को है। शिवरात्रि के आने की आहट के साथ ही शिवभक्तों का जोश बढ़ रहा है। युवाओं की टोलियों तो चल ही रही हैं। महिलाएं, बुजुर्ग और बच्चे भी भगवान शिव की भक्ति में रमे हुए हैं। अभी हरियाणा, राजस्थान के कांवडि़ए कांवड़-नहर पटरी से गुजर रहे हैं। आने वाले दिनों में यह भीड़ और बढ़ेगी, लेकिन इस मार्ग पर सुविधाएं तो दूर बुनियादी जरूरतें भी पूरी नहीं हो रही हैं।

पानी की व्यवस्था नहीं

पूरे मार्ग पर शिवभक्तों के लिए पीने के पानी तक की व्यवस्था नहीं है। जहां-तहां कांवडि़यों के लिए शिविर तो लगे हैं, लेकिन यहां बिजली आपूर्ति नहीं हो रही है। चिकित्सकीय लाभ लेने के लिए कांवडि़ए भटक रहे हैं। सरधना पुल के पास सिंचाई विभाग में कांवडि़यों का उपचार हो रहा था। पूछने पर कांवडि़यों ने बताया कि बीमारी, घाव के लिए दवा भी नहीं मिल पा रही। कहीं-कहीं चिकित्सा शिविर हैं, लेकिन व्यवस्थाएं अधूरी हैं।

पुख्ता इंतजाम नहीं

गर्मी में शिवभक्त प्राकृति हवा के भरोसे आराम कर रहे हैं। शिवभक्तों के स्नान और नित्यकर्म आदि के लिए भी अभी तक प्रशासन कोई पुख्ता व्यवस्था नहीं कर पाया है। भोले की झाल पर नहाकर शिवभक्त थकान दूर करते दिखे। यहां पर ब्ब्वीं वाहिनी पीएसी के जवान अप्रिय घटना से निपटने के लिए नौका संग मुस्तैदी से डटे थे।

पथरीली राह

उखड़ी सड़क बढ़ा रही परेशानी

कंधे पर कांवड़ और जल धारण कर शिवभक्त शिवालयों की ओर बढ़ रहे हैं। लेकिन कांवड़ नहर पटरी का कई जगह खस्ताहाल उनकी परेशानी बढ़ा रहा है। जगह-जगह से उखड़ी सड़क ने शिवभक्तों की राह पथरीली कर दी है। पूरे मार्ग पर नई सड़क बनाने की जगह जिला प्रशासन ने पैचवर्क कर इतिश्री कर ली है।

उम्र भी नहीं आ रही भक्ति में आड़े

कांवड़ नहर पटरी मार्ग पर राजस्थान, हरियाणा और मध्यप्रदेश के शिवभक्त दिखाई दे रहे हैं। युवाओं के अलावा बड़ी संख्या में महिलाएं, नन्हे बालक और बुजुर्ग महिला-पुरुष शिवभक्ति में सराबोर हैं। अलवर की जगबीरी और तिजारा के श्याम सिंह साठ दशक से पार पहुंच चुके हैं। भगवान शिव के प्रति उनकी लगन गाढ़ी है। हर बार की तरह वे इस बार भी जोश में कांवड़ लेकर चलते दिखे। गोविंदनगर राजस्थान से अपने मामा बच्चू संग आया छह साल का अमन भी भक्ति से सराबोर है। बच्चू कहते हैं कि मैं पीछे रह जाता हूं, ये आगे निकल जाता है, सब बाबा की कृपा है। वहीं रिवाड़ी से परिवार संग आए नन्हे तन्नू और अमित भी भोले बाबा के जयकारे लगाते हुए आगे बढ़ रहे हैं।