क्षेत्रीय हितों को ध्यान में रखना होगा

संयुक्त राष्ट्र महासचिव ने कहा, 'जैसा कि मैं अतीत में कह चुका हूं कि अगर दोनों देश इसके लिए आग्रह करते हैं तो मैं इस मसले के समाधान में सहयोग करने के लिए तैयार हूं.' उन्होंने जोर दिया कि सिर्फ बातचीत के माध्यम से ही जम्मू और कश्मीर में शांति हासिल की जा सकती है. बान ने दोनों देशों से बातचीत को बहाल करने की अपील की और कहा कि कश्मीर पर समझौता होने से दोनों ही देशों के साथ साथ क्षेत्रीय हितों के लिए ठीक रहेगा.

स्थिति पर है नजर

बान की मून ने यह भी बताया, 'मैं दोनों देशों की सरकारों को दोबारा वार्ता शुरू करने और विश्वास बहाली के लिए फिर प्रोत्साहित करता हूं.' उन्होंने बताया, 'अक्टूबर में नियंत्रण रेखा पर हिंसा के बाद दोनों देशों के बीच तनाव बढ़ने पर हाल के सप्ताहों में मेरे साथ अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी भारत और पाकिस्तान के अधिकारियों के संपर्क में रहे.' बान ने कहा, 'मैं इस संघर्ष के दौरान हुई मौतों और हजारों लोगों के विस्थापन से दुखी हूं.'

वाइब्रेंट गुजरात सम्मेलन में होंगे शामिल

संयुक्त राष्ट्र महासचिव मून अगले साल वाइब्रेंट गुजरात सम्मेलन-2015 में शामिल होने भारत आयेंगे. मून 10 और 11 जनवरी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के गृह राज्य की यात्रा पर भी जायेंगे. इस दौरान वह इस सम्मेलन में हिस्सा लेंगे. आपको बताते चलें कि बान की मून पहली बार किसी कारोबारी सम्मेलन में हिस्सा लेंगे. हालांकि उनके अलावा कई अन्य राष्ट्र प्रमुखों के भी 13 जनवरी तक चलने वाले इस सम्मेलन में आने की उम्मीद है.

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